रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब और तेज हो चुकी है. जो लड़ाई पहले सिर्फ कुछ हथियारों के दम पर लड़ी जा रही थी, अब टैंकर, रॉकेट और मिसाइल, सब सक्रिय रूप से इस्तेमाल हो रहे हैं. यूक्रेन ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि रूस ने उनके खिलाफ वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है. वैक्यूम बम थर्मोबैरिक हथियार के अंतर्गत आते हैं जो जेनेवा कंवेंशन के तहत प्रतिबंधित हैं.
ये दावा यूक्रेन की राजदूत ओकसाना मार्कारोवा द्वारा किया गया है. उनकी माने तो युद्ध के पांचवे दिन रूस ने सभी नियम तोड़ते हुए प्रतिबंधित वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया है. ये बम काफी शक्तिशाली माना जाता है और भारी तबाही मचा सकता है. इसमें पारंपरिक गोला-बारूद का इस्तेमाल नहीं होता है, बल्कि इसकी जगह उच्च-दाब वाले विस्फोटक भरे जाते हैं.
वैक्यूम बम की बात करें तो इसमें ऑक्सीजन का बड़ा इस्तेमाल रहता है. ये बम ऑक्सीजन को सोखकर बड़ा धमाका करता है. रूस ने इस बम को तैयार ही इसलिए किया था जिससे युद्ध के समय में इसका इस्तेमाल कर दुश्मन देश को भारी नुकसान दिया जा सके. लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय संगठन इस बम के इस्तेमाल पर रोक लगा चुके हैं. बताया जाता है कि साल 2016 में भी रूस ने इसी वैक्यूम बम का इस्तेमाल सीरिया के खिलाफ किया था. ये वैक्यूम बम 44 टन TNT की ताकत वाला धमाका करने में सक्षम माना जाता है.
लेकिन अब रूस की यूक्रेन संग जंग जारी है, इस बीच Amnesty International और Human Rights Watch ने रूस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा गया है कि रूस की तरफ से यूक्रेन में स्कूल पर हमला किया गया है जहां पर कई नागरिकों ने शरण ले रखी थी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा है कि उन्हें ऐसे हमलों की जानकारी जरूर मिली है, लेकिन अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. उनकी माने अगर रूस ने ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया है, तो युद्ध के दौरान इसे बड़े 'अपराध' के तौर पर देखा जाएगा.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की बात करें तो अभी स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है. दोनों देशों के बीच हुई बातचीत बनेतीजा रही है. दोनों ही देशों ने एक दूसरे के सामने कई शर्तें भी रख दी हैं. ऐसे में तनाव कम होने के बजाय बढ़ गया है. अब तो यूक्रेन ने यूरोपीय संघ की सदस्यता लेने की बात भी कर दी है, इस वजह से भी रूस भड़क गया है.
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