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Russia-Ukraine War: क्या रूस अपनी रणनीति बदल रहा है? क्या अब ये जंग और खतरनाक मोड़ पर पहुंचने वाली है? ऐसा इसलिए क्योंकि अब रूस ने कीव से दूरी बना ली है, पूर्वी यूक्रेन में आक्रामक रवैया अपना लिया है और ब्लैक सी में डिफेंसिव खेल खेल रहा है. अमेरिका ने चेताया है कि रूस ने अपनी दो महीनों की गलतियों से सबक लिया है और अब जंग का नया फेज शुरू कर दिया है. अमेरिका का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्ते बेहद अहम होने वाले हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. रूस ने शुरुआत से ही यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले तेज कर दिए थे. हालांकि, तुर्की के इस्तांबुल में हुई वार्ता के बाद रूसी सेना ने कीव से लौटने का ऐलान कर दिया था. अब कीव में हालात लगभग सामान्य हो चुके हैं. वहां जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. लोग फिर से अपने काम पर जाने लगे हैं.
हालांकि, रूस के साथ जंग में यूक्रेन बुरी तरह तबाह हो चुका है. यूक्रेन के कई शहरों में जमकर तबाही मची है. यूक्रेन ने दावा किया है कि मारियूपोल में एक भी इमारत ऐसी न हो जो सही-सलामत हो. इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि रिकंस्ट्रक्शन में 600 अरब डॉलर (46 लाख करोड़ रुपये) का खर्च आएगा. उन्होंने यूक्रेन में निवेश करने की अपील की है.
यूक्रेन के साथ 70 दिन से जारी जंग के बाद अब रूस ने भी रणनीति बदलनी शुरू कर दी है. अमेरिका के सैन्य अफसर जनरल मार्क मिली का कहना है कि रूसी सेना अब पूर्वी डोनबास में अपना फोकस कर रही है.
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लेकिन कीव छोड़कर डोनबास क्यों?
- रूसी सेना जंग के पहले दिन से ही यूक्रेन की राजधानी कीव पर मिसाइल हमले और बमबारी शुरू कर दी थी. हालांकि, कई दिनों तक जंग के बाद भी जब रूसी सेना को यहां कोई कामयाबी नहीं मिली तो उसने यहां से लौटने का ऐलान कर दिया.
- पिछले महीने रूस ने कहा था कि डोनबास पर कब्जा करना उसका मकसद है. डोनबास पूर्वी यूक्रेन में पड़ता है. यहां की ज्यादातर आबादी रूसी भाषा बोलती है, इसलिए रूस इस पर अपना दावा करता है. डोनबास में 2014 से ही रूस समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेनी सेना के बीच जंग जारी है.
- 24 फरवरी को जंग शुरू करने से पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने डोनेत्स्क और लुहांस्क को अलग देश के तौर पर मान्यता दी थी. डोनेत्स्क और लुहांस्क डोनबास में ही पड़ते हैं. डोनेत्स्क और लुहांस्क में 2014 से ही रूस समर्थित अलगाववादी सरकार चला रहे हैं.
- अब रूसी सेना ने अपना पूरा फोकस पूर्वी यूक्रेन यानी डोनबास पर लगा दिया है. रूसी सेना लगातार यहां बमबारी कर रही है और मिसाइल हमले कर रही है. मंगलवार को ही रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के अवदिवका में स्थित केमिकल प्लांट पर बमबारी की थी. यूक्रेन ने इस बमबारी में 10 लोगों के मारे जाने का दावा किया है.
- डोनेत्स्क के गवर्नर पावलो किरीलेंको ने न्यूज एजेंसी को बताया कि रूसी सेना जानती थी कि उसे कब और कहां अटैक करना है. उन्होंने बताया कि हमला उस समय किया गया, जब वर्कर्स बस स्टॉप पर घर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे.
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9 मई को होगा जीत का ऐलान?
- यूक्रेन के अधिकारियों का मानना है कि रूस 9 मई को जंग के खत्म करने का ऐलान करेगा. इससे पहले जंग का एक महीना पूरा होने पर यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने दावा किया था कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन किसी भी हाल में 9 मई तक इस जंग को खत्म करना चाहते हैं.
- दरअसल, 9 मई 1945 को हिटलर की नाजी सेना ने सोवियत सेना के आगे घुटने टेक दिए थे. इसके बाद से हर साल 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर विक्ट्री परेड का आयोजन किया जाता है. पुतिन इस साल 9 मई को यूक्रेन पर जीत का ऐलान करने का प्लान बना रहे हैं.
- डोनबास पर हमले तेज करने का मकसद भी उसी प्लान का हिस्सा बताया जा रहा है. रूस डोनबास को यूक्रेन से अलग करना चाहता है. यूक्रेन के दो टुकड़े होने से ये रूस के लिए बड़ी जीत साबित होगी.