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UK Parliament में राष्ट्रपति जेलेंस्की को मिली स्टैंडिंग ओवेशन, बोले- हर कीमत पर लड़़ेंगे

ब्रिटेन के संसद में राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक भाषण दिया है. वहां पर उन्होंने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वे हार नहीं मानने वाले हैं और उनकी सेना अपनी जमीन को बचाने के लिए लगातार लड़ने वाले हैं.

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UK Parliament में राष्ट्रपति जेलेंस्की का संबोधन
UK Parliament में राष्ट्रपति जेलेंस्की का संबोधन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेलेंस्की बोले- ब्रिटेन, रूस पर और प्रतिबंध लगाए
  • यूक्रेन राष्ट्रपति की मांग- आतंकी देश घोषित हो रूस

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. बातचीत की टेबल पर चर्चा जरूर हो रही है, लेकिन समाधान कोई नहीं निकल पा रहा. अब इस युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ब्रिटेन के संसद House of Commons में अपना संबोधन दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि यूक्रेन किसी भी कीमत पर हार नहीं मानने वाला है.

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सदन में जेलेंस्की के स्वागत में वहां मौजूद सभी सांसदों ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दिया और फिर राष्ट्रपति ने अपना संबोधन शुरू किया. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बोला कि मैं आज ब्रिटेन के सभी साथियों से बात कर रहा हूं. मैं आप सभी को बताना चाहूंगा कि इस युद्ध को 13 दिन हो चुके हैं, एक ऐसा युद्ध जिसकी शुरुआत हमने की भी नहीं थी. लेकिन अब हम अपनी जमीन के लिए लड़ने वाले हैं, हर कीमत पर लड़ने वाले हैं.

जेलेंस्की ने अपने संबोधन के दौरान ब्रिटेन पीएम बोरिस जॉनसन की भी दिल खोलकर तारीफ की. उनकी माने तो बोरिस की तरफ से रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं. उन्होंने अपील की कि ब्रिटेन अभी रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए. उन्होंने यहां तक कह दिया कि रूस आतंकी देश घोषित कर दिया जाए. अब जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन उन चुनिंदा देशों में है जिसने शुरुआत से ही यूक्रेन का समर्थन किया है. हथियार भी सप्लाई किए गए हैं और रूस पर भी कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. बोरिस जॉनसन ने भी अपने स्तर पर कई बैठकें की हैं और वार्ता में पुतिन को आइसोलेट करने पर जोर दिया गया है.

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वैसे आइसोलेट तो अमेरिका ने भी रूस को कर दिया है. पहले तो सिर्फ एयर स्पेस बंद और कुछ दूसरे प्रतिबंधों तक एक्शन को सीमित रखा जा रहा था. अब एक कदम आगे बढ़कर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी तेल के आयात पर भी रोक लगा दी है. उन्होंने दूसरे देशों को भी रूस पर अपनी निर्भरता कम करने की सलाह दी है. उनकी माने तो अब भविष्य क्लीन एनर्जी का है और उसी दिशा में सब देशों को आगे बढ़ना चाहिए.

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