scorecardresearch
 

Israel-Hamas war: हमास और इजरायल की जंग को लेकर रूस का आया बयान, पुतिन ने किसे लगाई लताड़

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए कहा है कि सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय के तहत एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन देश बनाने की जरूरत है. साथ ही पुतिन ने मध्य-पूर्व की वर्तमान स्थिति के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है.

Advertisement
X
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है. (फाइल फोटोः रॉयटर्स)
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है. (फाइल फोटोः रॉयटर्स)

हमास और इजरायल में जारी संघर्ष में रूस ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस संघर्ष के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि मध्य पूर्व में आज जो भी स्थिति है उसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है. पुतिन ने यह भी कहा कि सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय के तहत एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीनी देश बनाने की जरूरत है.

Advertisement

हमास ने शनिवार तड़के इजरायल पर रॉकेट दागते हुए ऑपरेशन 'अल-अक्सा स्टॉर्म' लॉन्च किया था. हमास ने इजरायल पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागे. जिसके बाद इजरायल ने युद्ध की स्थिति की घोषणा करते हुए हमास के खिलाफ ऑपरेशन आयरन स्वार्डस लॉन्च किया. इसके बाद से ही फिलिस्तीन और इजरायल के बीच बड़े पैमाने पर जंग छिड़ गई है. इजरायल की सेना लगातार गाजा पट्टी और हमास के ठिकानों पर बम बरसा रही है.

ये भी पढे़ेंः इजरायल के हमले में तबाह हुईं गाजा की इतनी मस्जिदें, बन गईं खंडहर

मध्य पूर्व की वर्तमान स्थिति के लिए अमेरिका जिम्मेदारः पुतिन 

हमास और इजरायल में जारी जंग पर टिप्पणी करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "दुर्भाग्य से हम मध्य पूर्व की स्थिति में बहुत तेजी से गिरावट देख सकते हैं. मुझे लगता है और बहुत लोग इससे सहमत भी होंगे कि मध्य पूर्व की वर्तमान स्थिति अमेरिकी की नीतियों की विफलता का एक स्पष्ट उदाहरण है. अमेरिका ने फिलिस्तीन और इजरायल के बीच संघर्ष का हल ढूंढ़ने में अपनी चलाने की कोशिश की. लेकिन दुर्भाग्य से इस समस्या का समाधान ढूंढने के क्रम में अमेरिका ने दोनों पक्षों की चिंताओं को ध्यान में नहीं रखा. "

Advertisement

पुतिन ने आगे कहा, "फिलिस्तीन और इजरायल दोनों की चिंताओं को ध्यान में रखने के बजाय अमेरिका ने इस समस्या के समाधान में अपना नजरिया थोपने की कोशिश की. हर बार फिलिस्तीनी लोगों के मौलिक हितों को नजरअंदाज करते हुए अमेरिका ने दोनों पक्षों पर दबाव डाला. कभी एक तरफ, फिर दूसरी तरफ."

उन्होंने आगे कहा कि सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय के तहत एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीनी देश बनाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ेंः आतंकी संगठन हमास के पीछे कौन सी ताकत? ईरान पर क्यों उठ रहे सवाल

 नागरिकों को कम से कम क्षति पहुंचेः पुतिन

व्लादिमीर पुतिन ने इराकी प्रधान मंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी के साथ अपनी बातचीत के दौरान कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन हमारा रुख यही है कि नागरिकों को कम से कम क्षति पहुंचे. हम सभी पक्षों से ऐसा करने का आह्वान करते हैं."

पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति दोनों पक्षों के संपर्क में हैं और इस संघर्ष को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. रूस ने 2002 में अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन को मिलाकर एक (Quartet) समूह बनाया था. जिसका मकसद मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने में मदद करना और फिलिस्तीन के आर्थिक विकास और इंस्टीट्यूशन निर्माण को समर्थन करना है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement