नोबेल शांति पुरस्कार के सह-विजेता रूसी पत्रकार दिमित्री मुराटोव (Dmitry Muratov) ने ऐलान किया है कि वह यूक्रेनी शरणार्थियों के लिए अपना नोबेल पुरस्कार नीलाम करके धन जुटाएंगे. मुराटोव इन दिनों रूस के 'नोवाया गजेटा' (Novaya Gazeta) अखबार के प्रधान संपादक हैं. मुराटोव को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के प्रयासों के लिए मारिया रेसा (Maria Ressa) के साथ संयुक्त रूप से 2021 नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा किया गया था.
दिमित्री मुराटोव (Dmitry Muratov) ने अपने एक बयान में कहा कि नोवाया गजेटा और मैंने यूक्रेन के शरणार्थी कोष में 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार पदक दान करने का फैसला किया है. मुराटोव के नाम से प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि यूक्रेन के 10 मिलियन यानी एक करोड़ से अधिक लोग शरणार्थी बन चुके हैं. मैं नीलामी करने वालों से कहता हूं और इस विश्व प्रसिद्ध पुरस्कार को नीलामी के लिए रखें.
रूस बीती 24 फरवरी से यूक्रेन पर हमलावर है. रूस ने अपने दक्षिणी पड़ोसी में अपने हजारों सैनिक भेज दिए हैं. युद्ध को आज 27वां दिन है, लेकिन दोनों देशों के बीच रार थमती नजर नहीं आ रही. रूसी हमलों में यूक्रेन के शहर और कस्बे बुरी तरह तहस नहस हो चुके हैं और दोनों देशों के बड़ी संख्या में सैनिक समेत आम लोग भी इस जंग में मारे गए हैं.
रूसी रक्षा मंत्रालय क्रेमलिन की आलोचना करते हुए एडिटर इन चीफ मोराटोव ने समाचार पत्र नोवाया गजेटा में लिखा है कि 5 चीजें को तुरंत करने की जरूरत है: "युद्ध बंद करो, कैदियों की अदला-बदली करो, मृतकों के शवों को छोड़ो, मानवीय गलियारे बनाओ और सहायता प्रदान करो, और शरणार्थियों का समर्थन करो.''
'नोवाया गजेटा' ने मार्च की शुरुआत में कहा था कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाइयों से जुड़े कॉन्टेंट को उनके मीडिया ग्रुप की वेबसाइट से हटा दिया जाएगा, क्योंकि रूसी सरकार ने आधिकारिक लाइन से हटने वाले पत्रकारों और नागरिकों पर आपराधिक मुकदमा चलाने की धमकी दी है.
बता दें कि न्यूज वेबसाइट Rappler की को-फाउंडर, फिलीपींस की मारिया रेसा के साथ संयुक्त रूप से पुरस्कार जीतने वाले मुराटोव ने पिछले साल अपना नोबेल पुरस्कार अखबार के उन छह पत्रकारों को समर्पित किया, जिनकी उनके काम के दौरान हत्या कर दी गई थी.