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दुनिया भर में तेल संकट के बीच रूस के तेल टैंकर्स कहां हो रहे हैं गायब?

पुर्तगाल के अजोरेस आईलैंड के पास रूस के तीन तेल टैंकर्स का ट्रैकिंग सिस्टम से गायब होने का मामला सामने आया है. बीते दस दिनों में रूस के तीन तेल टैंकर्स रडार से गायब हुए हैं.  यूक्रेन युद्ध के बाद से इनके ट्रैकिंग रडार से गायब होने की घटनाएं बढ़ी हैं. हालांकि, इसके कारणों का अभी खुलासा नहीं हो पाया है.

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सांकेतिक तस्वीर (photo: Getty Images)
सांकेतिक तस्वीर (photo: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूक्रेन युद्ध के बाद ट्रैकिंग सिग्नल रडार से गायब होने की घटनाएं बढ़ी
  • जानबूझकर सिग्नल बंद करने के भी लगे कयास

अमेरिका और यूरोप के कई देशों के रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से दुनियाभर में तेल संकट बढ़ा है. इस बीच ऐसी खबरें हैं कि बीते दस दिनों में पुर्तगाल के अजोरेस आईलैंड के पास  रूस के तीन तेल टैंकर्स ट्रैकिंग सिस्टम से गायब हो गए हैं. 

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस के तेल टैंकर्स के ट्रैकिंग रडार से गायब होने की घटनाएं बढ़ी हैं.

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने किसी समुद्री जहाज के ट्रैकिंग सिग्नल के बंद होने को समुद्री रडार से बचने के हथकंडों में से एक माना है. कोई भी जहाज अपने लोकेशन डेटा को बंदकर यह छिपा सकता है कि आखिर वह कहां जा रहा है. इसके साथ ही जहाज की गतिविधियों से जुड़ी अन्य जानकारियों को भी छिपाया जा सकता है.

अटलांटिक सागर के नौ अजोरेस द्वीपसमूह पुर्तगाल का हिस्सा हैं और ये यूरोप से लगभग 1,000 मील की दूरी पर हैं. 

ट्रैकिंग रडार सिस्टम से गायब होने का कारण स्पष्ट नहीं

रूस के तेल पर यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंध दिसंबर से पहले लागू नहीं होंगे लेकिन शेल और बीपी जैसी बड़ी तेल कंपनियां रूस का तेल नहीं खरीदने का फैसला कर नैतिक प्रतिबंधों का पालन कर रही हैं.

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वहीं, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि रूस के तेल टैंकर्स अचानक ट्रैकिंग रडार से कैसे गायब हो गए. इसे रूस के साथ कारोबार करने पर लोगों के सार्वजनिक गुस्से से बचने के हथकंडे के तौर पर भी देखा जा रहा है, फिर भले ही यह कारोबार कानूनी ही क्यों ना हो. 

एक संभावना यह भी है कि जिन टैंकर्स में रूस का तेल भरा हुआ है, उन्हें किसी गैर रूसी पोत में ट्रांसफर किया जा सकता है, जिससे कि खरीदार रूस के साथ किसी तरह के जुड़ाव से बचने की कोशिश कर सके.

यूक्रेन युद्ध के बाद ट्रैकिंग रडार से गायब होने की घटनाएं बढ़ी

मैरिटाइम रिस्क कंसल्टेंसी विंडवर्ड एआई के डेटा के मुताबिक, रूस के तेल टैंकर्स के ट्रैकिंग सिग्नल बंद होने की घटनाएं यूक्रेन पर हमले के बाद तीन गुना बढ़ गई हैं.

विंडवर्ड के डेटा के मुताबिक, यूक्रेन पर हमले से पहले रूस के कच्चे तेल के टैंकर्स के ट्रैकिंग सिग्नल से गायब होने की घटनाएं हफ्ते में एक बार होती थी.

रिपोर्ट के मुताबिक, 24 फरवरी और 24 मई के बीच यह घटनाएं हफ्ते में लगभग 10 बार हुई हैं.

हाल के महीनों में रूस के ओलिगार्क से जुड़े हुए सुपरयाट भी ट्रैकिंग सिस्टम से अचानक गायब हो गए. रूसी गैस के एक टायकून का 15 करोड़ डॉलर का सुपरयाट मई में कनेरी आईलैंड के पास ट्रैकिंग सिस्टम के जरिये दोबारा ट्रैक हुआ था. 

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दरअसल दो हफ्ते पहले ही यह सुपरयाट ट्रैकिंग सिग्नल से अचानक गायब हो गया था.

इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट के मुताबिक, 300 मीट्रिक टन या इससे अधिक गैस ले जाने वाले जहाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के दौरान जहाज में ट्रैकिंग तकनीक इंस्टॉल करना जरूरी है. इसे आमतौर पर ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम कहा जाता है.

अंतरराष्ट्रीय समुद्री यात्राएं करने वाले कुछ जहाजों को हर समय अपनी एआईएस लोकेशन का ब्रॉडकास्ट करना जरूरी है.

डेटा एनालिटिक्स फर्म स्पायर के सीओओ जॉन लुस्क का कहना है, जहाज का एआईएस ट्रांसपॉन्डर बंद करने का एकमात्र कारण यही है कि आप नहीं चाहते कि किसी को पता चले कि आप कहां जा रहे हैं.

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