परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को रूस ने समर्थन करने का भरोसा दिया है. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वो इस मसले को सियोल में होने वाली बैठक में उठाएंगे. सोमवार से NSG सदस्यों की बैठक होने वाली है.
'NSG की बैठक में करेंगे चर्चा'
पुतिन ने 'इंडिया टुडे' से खास बातचीत में कहा कि वे ईमानदारी से भारत की सदस्यता को लेकर NSG की बैठक में चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि वो चीन से भी बातचीत करेंगे कि आखिर वो किस आधार पर भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे हैं. हालांकि पुतिन ने कहा कि नियमों के मुताबिक ही आखिरी फैसला लिया जाएगा. साथ ही पुतिन ने कहा कि जितने नए देशों ने सदस्यता के लिए अपील की है कि उनके बारे में 48 सदस्यों NSG टीम बैठक में विचार करेगी.
पुतिन का भारत को समर्थन का संकेत
इंडिया टुडे ग्रुप के संपादकीय निदेशक राज चेंगप्पा से सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच पर खास बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारत को समर्थन का संकेत देते हुए कहा कि वो भारत को परमाणु संबंधी मसलों पर सहयोग के लिए तैयार है. लेकिन उसे अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में रहकर ही अमलीजामा पहनाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि परमाणु सुरक्षा को लेकर भारत भी हमेशा से सक्रिय रहा है.
भारत-अमेरिका रिश्ते पर पुतिन से सवाल
पुतिन से जब भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती का जिक्र किया गया तो उन्होंने कहा कि इससे भारत और रूस के रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. दोनों के रिश्ते बहुत पुराने हैं और एक-दूसरे को बेहद करीब से जानते हैं. पुतिन की मानें तो पीएम मोदी की विदेश नीति से उन्हें कोई परेशानी नहीं है. अगर भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते अच्छे होते हैं तो इससे रूस के लिए कोई दिक्कत की बात नहीं है. क्योंकि रूस और भारत के रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं.
योग कार्यक्रम को देखना पसंद करेंगे पुतिन
पुतिन से जब राज चेंगप्पा ने 'योग दिवस' के दिन योग करने के बारे में पूछा तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि भारत के इस अभियान का वो समर्थन करते हैं, पुतिन ने कहा कि वो 21 जून को योग करने के बजाय इस कार्यक्रम को देखना पसंद करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि रूस के लोग भारतीय कल्चर से हमेशा से प्रभावित रहे हैं और बड़े पैमाने पर लोग योग दिवस पर योग कार्यक्रम में हिस्सा भी लेंगे.
NSG में भारत का विरोध कर रहा है चीन
संवेदनशील परमाणु तकनीक के प्रसार पर नियंत्रण रखने वाले देशों के प्रमुख समूह न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत के प्रवेश का विरोध करने वालों का नेतृत्व चीन कर रहा है. गौरतलब है कि 48 देशों का एनएसजी आधुनिक परमाणु सामग्री और तकनीकों का व्यापार करता है, लेकिन ऐसी सामग्री की बिक्री पर रोक लगाता है, जिनकी मदद से परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं.
कई देशों ने दिया भारत को समर्थन का भरोसा
दरअसल परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता की राह में रोड़ा अटका रहे चीन को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए भारत रणनीति में जुट गया है. इस कड़ी में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की और पुतिन ने भी समर्थन का भरोसा दिया. इसके अलावा अमेरिका ने भी भारत को समर्थन करने का भरोसा दिया है. साथ ही मेक्सिको ने भी पीएम मोदी को इस मसले पर साथ देने का आश्वासन दिया है.