रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर चर्चा में हैं. दो महीने पहले पुतिन के सामने परेशानी बढ़ाने वाले प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की मौत हो गई है. बुधवार को प्लैन क्रैश होने से प्रिगोझिन समेत 10 लोगों की जान गई है. प्रिगोझिन की मौत पर रूस सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान आया है. बाइडेन कहा कि मैं इस हादसे की खबर से हैरान नहीं हूं. रूस में ऐसा कुछ भी नहीं होता है, जिसके पीछे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ना हों. बाइडेन के इस बयान के मायने निकाले जाने लगे हैं.
दरअसल, इतिहास को देखें तो रूसी राष्ट्रपति पुतिन के दुश्मनों की मौतों का रिकॉर्ड भी सवाल छोड़ते आया है. जिन अन्य लोगों ने पुतिन या उनके हितों का विरोध किया है, वे भी संदिग्ध परिस्थितियों में मर गए हैं या मौत के करीब आ गए हैं. जानिए पुतिन के किस दुश्मन की कब और कैसे मौत हुई....
1. येवगेनी प्रिगोझिन की बगावत, फिर प्लैन क्रैश में मौत
सबसे पहले येवगेनी प्रिगोझिन (62 साल) के बारे में जानते हैं. रूस में वैगनर एक प्राइवेट आर्मी है. ये आर्मी रूसी सेना के साथ मिलकर यूक्रेन में युद्ध लड़ रही थी. यह पिछले कई सालों से सैन्य और खुफिया ऑपरेशन्स को लेकर विवादों में भी रही है. वैगनर आर्मी चीफ येवगेनी प्रिगोझिन कभी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे खास होते थे. लेकिन बीते कुछ महीनों में प्रिगोझिन ने रूसी सेना और पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी थी. बीते 23-24 जून को इन लड़ाकों ने रूस के दक्षिणी शहर रोस्तोव को कब्जे में ले लिया था. उसके बाद मॉस्को पर कब्जे की तैयारी थी. रूस में गृह युद्ध की स्थिति बन गई. तख्तापलट की चर्चाएं जोर पकड़ गईं.
'मैं विद्रोहियों को कभी नहीं भूलता'
रूस के हालात बिगड़ने में बस कुछ घंटे की देरी थी. ऐसे में पुतिन बैकफुट पर आए और उन्होंने बेलारूस के राष्ट्रपति की मदद से 24 घंटे में ही इस बगावत को टाल दिया था. हालांकि, पुतिन ने कठोर शब्दों में एक संदेश दिया, जो अब चर्चा का विषय बन गया. पुतिन ने कहा, हमारी पीठ में छुरा घोंपा गया और उन्हें इसकी सजा मिलेगी. हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं. हथियारबंद बागियों को हम करारा जवाब देंगे. मैं अपने विश्वासघात को कभी नहीं भूलता हूं और अब दो महीने बाद प्रिगोझिन की मौत हो गई है. जानकारों का कहना है कि यह घटना पुतिन की तरफ से दूसरों को चेतावनी देने का एक तरीका हो सकती है जो उन्हें धोखा दे सकते हैं या रूसी सेना को अपना समर्थन दिखाने का एक तरीका हो सकता है.
क्यों मौत पर उठ रहे हैं सवाल?
प्रिगोझिन ने जून में रूसी रक्षा मंत्री और सेना पर गंभीर आरोप लगाते हुए विद्रोह किया था. बाद में पुतिन से मध्यस्थता होने से रूस से संकट तो टल गया था, लेकिन प्रिगोझिन को लेकर आशंकाएं और संकट बढ़ना तय हो गया था. यहां तक कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी (CIA) ने प्रिगोझिन की हत्या की आशंका जताई थी. पिछले महीने बाइडेन और CIA डायरेक्टर विलियम्स बर्न्स ने प्रिगोझिन की बगावत के बाद उनके लिए संभावित खतरे की संभावना जताई थी. बाइडेन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, अगर मैं उसकी (प्रिगोझिन) जगह होता तो सावधान रहता कि मैं क्या खाऊं. मैं अपने मेनू पर नजर रखूंगा. लेकिन सब मजाक कर रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि हममें से कोई भी निश्चित रूप से जानता है कि रूस में प्रिगोझिन का भविष्य क्या है?
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2. एलेक्सी नवेलनी
रूस के सबसे प्रमुख विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी को अगस्त 2020 में साइबेरिया में जहर दे दिया गया था. अलेक्सी एक विमान पर उड़ान भरने के दौरान बीमार हो गए थे. उसके बाद उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया. वेस्टर्न एक्सपर्ट्स ने बताया था कि नवेलनी को नोविचोक नर्व एजेंट जहर दिया गया था. नोविचोक के कुछ एडिशन तो वीएक्स नर्व एजेंट से पांच से आठ गुना तक ज्यादा जहरीले होते हैं. वहीं, रूस ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया था. 2021 में स्वेच्छा से रूस लौटने पर उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. वो अब धोखाधड़ी और अन्य आरोपों में कुल साढ़े 11 साल की सजा काट रहे हैं. नवेलनी का कहना है कि ये सारे केस फर्जी हैं. उनके राजनीतिक आंदोलन को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है और कट्टरपंथी घोषित कर दिया गया है. हाल ही में नवेलनी की सजा में अतिरिक्त 19 साल की जेल अवधि जोड़ी गई है.
3.सर्गेई स्क्रिपल
खुफिया एजेंसी केजीबी के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल को इंग्लैंड में जहर देने का मामला सामने आया था. पूर्व रूसी जासूस सर्गेई स्क्रिपल ने ब्रिटिश खुफिया को कई बड़े रहस्य बताए थे. सर्गेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी यूलिया मार्च 2018 में कैथेड्रल शहर सैलिसबरी में एक शॉपिंग सेंटर के बाहर बेंच पर बेहोश पाए गए थे. उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था. ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा, उन्हें नोविचोक जहर दिया गया था. ये जहर सबसे खतरनाक माना जाता है. हालांकि, दोनों बच गए थे. रूस ने जहर देने में किसी भी भूमिका से इनकार किया था और कहा था कि ब्रिटेन, रूस विरोधी उन्माद फैला रहा है. बता दें कि रूस के सेवानिवृत सैन्य खुफिया अधिकारी स्क्रिपल को ब्रिटेन के लिए जासूसी करने के आरोप में रूस ने वर्ष 2006 में 13 वर्ष की सजा सुनाई थी. हालांकि, बाद में उन्हें माफी मिल गई थी और ब्रिटेन ने उन्हें नागरिकता दे दी थी. वो तब से ब्रिटेन में ही रह रहे हैं.
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4. व्लादिमीर कारा मुर्जा
एक चर्चित पुतिन विरोधी एक्टिविस्ट व्लादीमिर कारा मुर्जा ने भी दावा किया था कि मुझे साल 2015 और 2017 में जहर दिए जाने का प्रयास किया गया था. तब उन्हें जहर जैसे जैसे लक्षण हुए थे. हालांकि, उन्हें जहर दिए जाने के दावे एक रहस्य बने हुए हैं. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, एक जर्मन प्रयोगशाला ने बाद में उनमें पारा, तांबा, मैंगनीज और जस्ता का हाई लेवल पाया था. पुतिन विरोधियों का कहना है कि रूस की खुफिया सेवाओं के लिए जहर देना सबसे पसंदीदा हथियार बनता जा रहा है. वहीं, मॉस्को ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया था. इसी साल अप्रैल में मुर्जा को मॉस्को की एक अदालत ने देशद्रोह और अन्य अपराधों का दोषी पाया था और सजा सुनाई थी.
5. अलेक्जेंडर लितविनेंको
पूर्व जासूस और क्रेमलिन के राजनैतिक आलोचक रहे अलेक्जेंडर लितविनेंको को साल 2006 ग्रीन टी में जहर (पॉलोनियम) देने का मामला सामने आया था. कुछ ही हफ्ते बाद अलेक्जेंडर लितविनेंको की 43 साल की उम्र में मौत हो गई थी. उन्हें लंदन के मिलेनियम होटल में ग्रीन टी में जहर दे दिया था. ये जहर बेहद शक्तिशाली था. 2016 में एक ब्रिटिश जांच में हत्या को लेकर रूसी एजेंसियों पर आरोप लगा था. हालांकि, क्रेमलिन ने इसमें शामिल होने से इनकार किया था. एक वरिष्ठ ब्रिटिश जज के नेतृत्व में हुई जांच में पाया गया कि केजीबी के पूर्व अंगरक्षक आंद्रेई लुगोवॉय और एक अन्य रूसी दिमित्री कोवतुन ने एक ऑपरेशन के हिस्से के रूप में हत्या को अंजाम दिया था. दोनों होटल में अलेक्जेंडर से मिलने पहुंचे थे. अलेक्जेंडर लितविनेंको जहर दिए जाने की घटना से छह साल पहले रूस से भागकर ब्रिटेन आ गया था.
6. अलेक्जेंडर पेरेपिलिची
अलेक्जेंडर पेरेपिलिची (44 साल) को नवंबर 2012 में जॉगिंग के बाद लंदन के बाहर एक विशेष गेटेड एस्टेट पर अपने लग्जरी घर के पास मृत पाया गया था. अलेक्जेंडर पेरेपिलिचनी ने रूसी मनी-लॉन्ड्रिंग योजना में स्विस जांच में मदद की थी, उसके बाद 2009 में उन्होंने ब्रिटेन में शरण ली थी. उनकी अचानक मौत से हत्या की आशंका जताई गई थी. हालांकि, ब्रिटिश पुलिस ने दुर्लभ जहर देकर मारने की आशंका से इंकार कर दिया था. पूछताछ से पहले की सुनवाई में पता चला कि पेरेपिलिची के पेट में जेल्सीमियम पौधे के एक दुर्लभ का अंश पाया था, जो दुर्लभ और घातक जहर के रूप में जाना जाता है. पेरेपिलिची ने घटना से पहले लोकप्रिय रूसी व्यंजन सोरेल युक्त सूप पिया था. वहीं, रूस ने अपनी संलिप्तता से इनकार किया था.
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7. विक्टर युशचेंको
यूक्रेन के विपक्षी नेता विक्टर युशचेंको को 2004 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जहर दे दिया गया था. वे मॉस्को समर्थक प्रधानमंत्री विक्टर यानुकोविच के खिलाफ पश्चिम समर्थक टिकट पर चुनाव लड़े थे. वो यूक्रेनी सुरक्षा सेवाओं के अधिकारियों के साथ कीव के बाहर रात्रिभोज में गए थे. वहां खाने में जहर दिया गया था. रूस ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया था. उनके शरीर में सामान्य से 1,000 गुना ज्यादा डाइऑक्सिन पाया गया. जहर के कारण उनका चेहरा और शरीर विकृत हो गया था और उसके बाद उनके दर्जनों ऑपरेशन हुए.
8. अन्ना पोलितकोवस्काया
मानवाधिकारों के हनन पर रिपोर्टिंग करने वाली पत्रकार अन्ना पोलितकोवस्काया की 7 अक्टूबर 2006 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वो मॉस्को में सुपरमार्केट से घर लौट रही थीं. तभी उनके फ्लैट के बाहर घटना को अंजाम दिया गया. दो बच्चों की 48 वर्षीय मां पोलितकोवस्काया की हत्या ने पश्चिमी देशों में आक्रोश पैदा कर दिया था. पोलितकोवस्काया ने रूस में काम करने वाले पत्रकारों के लिए खतरों के बारे में चिंताओं को उजागर किया था.