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चीन में बजाया पियानो, क्या ट्रंप से भी दोस्ती का सुर मिलाएंगे पुतिन?

वन बेल्ट, वन रोड सम्मेलन में शिरकत करने आए पुतिन से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'पहले मिलने की जरुरत है, फिर बात करने की और उसके बाद तय होगा हम किस धुन पर सुर मिलाएं.'

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बीजिंग में पियानो बजाते रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन
बीजिंग में पियानो बजाते रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन

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रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर जितना अपनी तल्ख सियासत के लिए मशहूर हैं उतना ही अपने अंदाज के लिए भी. वो ना सिर्फ मार्शल आर्ट्स, घुड़सवारी, तैराकी और प्लेन उड़ाने में माहिर हैं बल्कि पियानो पर भी हाथ आजमा सकते हैं.

अमेरिका से मिलेगा सुर?
लेकिन अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पियानो के की-बोर्ड से ज्यादा पेचीदा है. यही वजह है कि वो खुद नहीं जानते कि क्या अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वो दोस्ती के सुर मिला पाएंगे? दुनिया भर के जानकार दोनों दिग्गज नेताओं के बीच मुलाकात का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि इस मुलाकात की तारीखें तय नहीं हैं लेकिन माना जा रहा है कि जुलाई में जर्मनी में होने जा रहे G-20 देशों के सम्मेलन में दोनों नेता मिल सकते हैं. ये मीटिंग मध्य-पूर्व और पूर्वी यूरोप में दोनों देशों के बीच तनाव के मद्देनजर अहम होगी. लेकिन रूसी प्रशासन पर ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव के दौरान खुफिया तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लग रहा है. लिहाजा दोनों नेता जब मिलते हैं तो उनके बीच क्या कैमिस्ट्री होगी, ये देखना दिलचस्प होगा. बीजिंग में वन बेल्ट, वन रोड सम्मेलन में शिरकत करने आए पुतिन से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'पहले मिलने की जरुरत है, फिर बात करने की और उसके बाद तय होगा हम किस धुन पर सुर मिलाएं.'

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चीन में छेड़े थे पियानो के सुर
दरअसल पुतिन से ये सवाल इसलिए पूछा गया क्योंकि वो बीजिंग में पियानो बजाते नजर आए थे. मौका चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात का था. मीटिंग में अभी वक्त था और पुतिन वक्त काटने के लिए पियानो पर बैठ गए. उन्होंने झिझके हुए सुरों में सोवियत काल में मशहूर गीतों 'मॉस्को विन्डोज' और 'इवनिंग सॉन्ग' की धुन बजाई. हालांकि उन्होंने इस बात का मलाल भी जाहिर किया कि पियानो को ठीक तरीके से ट्यून नहीं किया गया था.

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