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रूसी राष्ट्रपति पुतिन की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की पाकिस्तान में तारीफ

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक बयान दिया है. उनका कहना है कि पैगंबर का अपमान करना अभिव्यक्ति की आजादी के तहत नहीं आता. उन्होंने रूसी लोगों की तारीफ करते हुए ये भी कहा है कि उनमें दूसरे धर्मों का सम्मान करने की क्षमता सबसे ज्यादा होती है.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Photo-Reuters)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Photo-Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पुतिन ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिया बयान
  • कहा- पैगंबर का अपमान बोलने की आजादी का हिस्सा नहीं
  • शार्ली एब्डो का भी किया जिक्र

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23 दिसंबर को हुई सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पैगंबर मोहम्मद का अपमान करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा नहीं है.

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रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि पैगंबर का अपमान करना धार्मिक आजादी का उल्लंघन करना है. उन्होंने ये भी कहा कि पैगंबर का अपमान इस्लाम को मानने वाले लोगों की भावनाओं को आहत करना है. उन्होंने रूसी लोगों की तारीफ की है और उन्हें अन्य देशों के नागरिकों की अपेक्षा ज्यादा सहिष्णु बताया है.

पुतिन के इस बयान का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वागत किया और कहा है कि इस्लामोफोबिया के खिलाफ इसी तरह से संदेश देने की जरूरत है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी पुतिन के बयान का स्वागत किया है. पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर भी लोग पुतिन की जमकर तारीफ कर रहे हैं. 

'धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुंचाएं'

रूस की समाचार एजेंसी तास (TASS) के मुताबिक, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने कलात्मक आजादी पर जोर दिया. उन्होंने ये भी कहा कि कलात्मक आजादी में धार्मिक आजादी का ध्यान रखा जाए.

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उन्होंने कहा कि कलात्मक आजादी की एक सीमा होती है. ऐसी आजादी का इस्तेमाल दूसरे समुदायों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं होना चाहिए.

पुतिन ने रूसी लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि अन्य देशों के नागरिकों की अपेक्षा रूसी लोगों में दूसरे धर्मों का सम्मान करने की क्षमता ज्यादा है. उनका कहना था कि रूसी अन्य संस्कृतियों और धर्मों का सम्मान करते हैं और रूस का समाज एक बहु-जातीय और बहु-सांस्कृतिक समाज के रूप में विकसित हुआ है.

राष्ट्रपति पुतिन ने उन लोगों की भी आलोचना की जो नाजियों की तस्वीर को द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए रूसी सैनिकों की तस्वीर बता कर शेयर कर रहे हैं. पुतिन ने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के प्रकाशन के बाद पेरिस में शार्ली एब्डो पत्रिका के संपादकीय कार्यालय पर हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस तरह के कृत्यों ने चरमपंथियों में बदले की जड़ें जमा ली हैं.

शार्ली एब्डो फ्रांस की व्यंग पत्रिका है जिसने साल 2015 में पैगंबर मोहम्मद के कई कार्टूनों को प्रकाशित किया था. इसके बाद पत्रिका के कार्यालय में चरमपंथी हमले हुए जिसमें मशहूर कार्टूनिस्टों समेत 12 लोगों की मौत हो गई. 

साल 2006 में भी पुतिन ने पैगंबर मोहम्मद के एक कार्टुन पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह कृत्य कतई स्वीकार्य नहीं हैं. उन्होंने ईशनिंदा करने वाले कार्टूनों की निंदा करते हुए कहा था कि ये घटनाएं धर्मों के बीच दरार पैदा करती हैं. उनका कहना था कि ऐसे कृत्य उस धर्म विशेष के मानने वालों को ठेस पहुंचाते हैं और उन्हें भड़काते हैं. 

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