रूस की थलसेना की एक टुकड़ी शुक्रवार को पाकिस्तान पहुंची जो शनिवार से शुरू हो रहे पहले संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास में भाग लेगी. यह अभ्यास शीतयुद्ध काल के दो पूर्व विरोधियों के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों को प्रदर्शित करता है.
दरअसल उरी हमले के बाद खबर आई थी कि रूस ने भारत का समर्थन करते हुए रूस ने पाकिस्तान के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास को रद्द कर दिया है. लेकिन इस बीच रूस सेना की एक टीम युद्धाभ्यास के लिए पाकिस्तान पहुंच चुकी है. भारत को उम्मीद थी कि रूस पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास के अपने फैसले पर दोबारा विचार करेगा, लेकिन रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को इस युद्ध अभ्यास से चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. रूसी विदेश मंत्रालय के मुताबिक ये युद्ध अभ्यास किसी विवादित क्षेत्र में नहीं होगा और इसके स्थल के बारे में भारत को जानकारी दे दी गई है.
रूस सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने कहा, 'रूसी जमीनी बलों की एक टुकड़ी पहले पाक-रूस संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए पहुंची है'. रूस सैनिक 24 सितंबर से 10 अक्टूबर तक दो हफ्तों के लिए इस देश में रहेंगे. दोनों देशों के करीब 200 सैनिक दो हफ्तों के 'फ्रेंडशिप 2016' नाम के सैन्य युद्धाभ्यास में भाग लेंगे.
यह युद्धाभ्यास ऐसे समय होगा जब मॉस्को और इस्लामाबाद के बीच रक्षा संबंध मजबूत हुए हैं और इस्लामाबाद अत्याधुनिक रूसी युद्धक विमान खरीदने पर विचार कर रहा है. पाकिस्तान ने मई 2011 में एबटाबाद में सीआईए के गुप्त छापे में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिका से रिश्तों में खटास आने के बाद अपनी विदेश नीति के विकल्पों को बढ़ाने का फैसला किया था.
अक्टूबर में मोदी और पुतिन के बीच होनी है बैठक
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अक्टूबर में द्विपक्षीय शिखर बैठक होनी है. सोमवार को रूस के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हम उरी हमले की जोरदार शब्दों में निंदा करते हैं.