रात में हुए विस्फोटों और सड़कों पर लड़ाई के बाद, रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर बढ़ रहे हैं. साथ ही, कीव के लोग खुद को बचाने के लिए अंडरग्राउंड शेल्टर की तलाश कर रहे हैं. इसी बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने यूक्रेन छोड़ने के अमेरिकी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा है कि वह देश छोड़कर नहीं जाएंगे, वहीं रुकेंगे.
जारी है संघर्ष
यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कुछ हमलों को रोकने में सफलता मिली है. जानकारी के मुताबिक, शहर के किनारे पर रूसी सेना की छोटी टुकड़ियां, अपनी आने वाली फोर्स के लिए रास्ता साफ करने की कोशिश कर रही थीं.
रूस का दावा है कि वह सिर्फ यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमले कर रहा है, लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप के सबसे बड़े जमीनी युद्ध के दौरान, नागरिकों के मारे जाने और घायल होने की खबरें हैं.
दो दिन पहले कीव में रात 10 बजे से सुबह सात बजे तक का कर्फ्यू लगाया गया था, जिसे शनिवार को शाम 5 बजे से सुबह 8 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया. साथ ही. कहा गया कि कर्फ्यू के दौरान सड़क पर पाए गए सभी नागरिकों को दुश्मन देश का सदस्य माना जाएगा.
यूक्रेन को हुआ है भारी नुक्सान
यूक्रेन में दिनों तक बड़े पैमाने पर हवाई और मिसाइल से हमले किए गए. इन हमलों ने पुलों, स्कूलों और रिहायशी इलाकों में बनी इमारतों को धराशायी कर दिया, जिसके चलते सैकड़ों लोग हताहत हो गए.
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यूक्रेन का कितना हिस्सा अभी भी यूक्रेन के पास है और कितना रूसी सेना के कब्जे में. रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि रूसी सेना ने मेलिटोपोल पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. हालांकि ब्रिटेन ने शनिवार को रूस के इस दावे को खारिज कर दिया.
'हम हथियार नहीं डालेंगे'
ज़ेलेंस्की ने शनिवार को एक वीडियो के ज़रिए देश को आश्वासन दिया कि देश की सेना रूसी आक्रमण का डटकर सामना करेगी. उन्होंने कीव की सड़क पर वह वीडियो रिकॉर्ड किया और कहा कि वह शहर में ही हैं और यह दावा कि यूक्रेनी सेना हथियार डाल देगी, ये झूठ है. उन्होंने कहा, 'हम हथियार नहीं डालेंगे. हम देश की रक्षा करेंगे. हमारा सच ही हमारा हथियार है, और हमारा सच यह है कि यह हमारी जमीन है, हमारा देश है, हमारे बच्चे हैं और हम इन्हें बचाएंगे.' शनिवार को ही एक दूसरे वीडियो में, ज़ेलेंस्की ने रूसी सेना पर रिहायशी इलाकों और इमारतों पर हमला करने का आरोप लगाया.
अमेरिकी सरकार ने शनिवार तड़के ज़ेलेंस्की से कीव छोड़ देने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें हथियार चाहिए, सवारी नहीं.
3 बच्चों सहित 198 लोग मारे गए
यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार को बताया कि गुरुवार तड़के शुरू हुए रूसी हमले के बाद से अब तक, तीन बच्चों सहित 198 लोग मारे गए हैं और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. यह स्पष्ट नहीं था कि इस आंकड़े में सैनिक और नागरिक दोनों शामिल हैं या नहीं. यूक्रेन के अधिकारियों ने यह भी कहा कि लड़ाई के पहले दिन सैकड़ों रूसी सैनिक मारे गए. हालांकि रूस ने मारे गए सैनिकों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया.
लड़ाई बढ़ी तो 40 लाख लोग यूक्रेन से पलायन कर सकते हैं
संघर्ष के दौरान सैकड़ों हजारों यूक्रेनी लोगों ने अपने घर छोड़ दिए. संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि 120,000 से ज़्यादा लोग पोलैंड, मोल्दोवा और अन्य पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं.
यूएन का अनुमान है कि अगर लड़ाई बढ़ती है तो 40 लाख लोग यूक्रेन से पलायन कर सकते हैं. हंगरी के सीमावर्ती शहर ज़ाहोनी में पहुंचने वाले शरणार्थियों ने बताया कि लड़ाई लड़ने की उम्र वाले पुरुषों को यूक्रेन छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है. कीव के रहने वाले कई लोग चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए, बेसमेंट, अंडरग्राउंड पार्किंग गैरेज और मेट्रो स्टेशनों में रात बिता रहे हैं.
अड़ा हुआ है रूस
शुक्रवार को अमेरिका सहित कई यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध (Economic Sanction) लगा दिए हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को यूक्रेन पर रूसी हमले को रोकने और सेना को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर मतदान हुआ. सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में रूस भी शामिल है. भारत, चीन और यूएई ने हमले की निंदा करते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव के समर्थन में 15 में से 11 सदस्य देशों ने वोट किया. वहीं रूस ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया.
NATO ने एक्टिवेट की रिस्पांस फोर्स
इस बीच, NATO ने शुक्रवार को पहली बार यूक्रेन की मदद करने के लिए अपनी रिस्पांस फोर्स को एक्टिवेट कर दिया. नाटो रिस्पांस फोर्स में 30 देशों के बेहतरीन सैनिक तैनात होते हैं. हालांकि, नाटो ने यह नहीं बताया कि कितने सैनिकों को तैनात किया जाएगा.
पुतिन का कहना है कि रूस की सुरक्षा मांगों पर बातचीत करने से इनकार करके, पश्चिम ने उनके पास कोई और रास्ता नहीं छोड़ा. ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को एक बार फिर बातचीत करने की पेशकश की.