अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री ने अपनी किताब में भारत की दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लेकर कई विवादित टिप्पणियां की हैं. माइक पॉम्पियो ने अपनी किताब 'Never Give an Inch: Fighting for the America I Love' में लिखा है कि सुषमा स्वराज कभी भी महत्वपूर्ण राजनीतिक प्लेयर नहीं थीं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने सुषमा स्वराज को लेकर पॉम्पियो की इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जयशंकर ने कहा है कि पॉम्पियो की किताब में सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल किए गए अपमानजनक शब्दों की कड़ी निंदा करता हूं. हालांकि, पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी किताब में विदेश मंत्री एस जयशंकर की जमकर तारीफ की है.
पॉम्पियो ने अपनी किताब में एक से एक विस्फोटक दावे किए गए हैं. पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने दावा किया है कि साल 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देश परमाणु युद्ध के करीब आ गए थे. पॉम्पियो ने दावा किया है कि यह जानकारी उन्हें भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ही दी थी.
सुषमा स्वराज को लेकर कई अपमानजनक टिप्पणी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पॉम्पियो ने अपनी किताब में भारत के विदेश मंत्रियों के साथ अपने संबंधों के बारे में भी लिखा है. इसमें उन्होंने एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल का भी उल्लेख किया है. पॉम्पियो ने इस किताब में सुषमा स्वराज को लेकर कई अपमानजनक टिप्पणी की हैं. पॉम्पियो ने अपनी किताब में सुषमा स्वराज को 'गूफबॉल' तक कह डाला है.
सुषमा स्वराज मई 2014 से मई 2019 तक मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं. अगस्त 2019 में उनका निधन हो गया.
पॉम्पियो ने किताब में लिखा है, "भारतीय पक्ष में मेरे समकक्ष भारतीय विदेश नीति में सुषमा स्वराज एक महत्वपूर्ण प्लेयर नहीं थीं. इससे बेहतर मैंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ मिलकर काम किया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और भरोसेमंद विश्वासपात्र थे.
जयशंकर ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
एस जयशंकर ने पॉम्पियो के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मैंने पूर्व विदेश मंत्री पॉम्पियो की किताब में सुषमा स्वराज का जिक्र करते हुए एक अंश देखा है. मैंने हमेशा उनका (सुषमा स्वराज) बहुत सम्मान किया है. सुषमा स्वराज के साथ मेरे असाधारण रूप से घनिष्ठ और मधुर संबंध थे. पॉम्पियो की किताब में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के लिए इस्तेमाल की गई अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं.
जयशंकर की जमकर तारीफ
पॉम्पियो ने अपनी किताब में जयशंकर के लिए 'जे' शब्द का इस्तेमाल किया है. पोम्पियो ने आगे लिखा है, "सुब्रह्मण्यम जयशंकर मेरे दूसरे भारतीय समकक्ष थे. मई 2019 में हमने भारत के नए विदेश मंत्री के रूप में जे का स्वागत किया. मैं इससे बेहतर समकक्ष की उम्मीद नहीं कर सकता था.
पॉम्पियो ने आगे लिखा है कि मैं इस आदमी (जयशंकर) से प्यार करता हूं. जयशंकर अंग्रेजी सहित कुल सात भाषाओं में बात करते हैं. यहां तक कि उनकी भाषा मुझसे भी कुछ बेहतर है."
कौन हैं माइक पॉम्पियो
59 वर्षीय माइक पॉम्पियो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विश्वासपात्र माने जाते हैं. पॉम्पियो 2017 से 2020 तक ट्रंप सरकार में सीआईए निदेशक और 2018 से 2021 तक विदेश मंत्री थे. माइक पॉम्पियो फिलहाल 2024 के राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी तलाश रहे हैं.