विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में ट्रंप सरकार के साथ पहली बार बातचीत की है. उन्होंने ट्रंप के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक की और टेक्नोलॉजी, डिफेंस और एनर्जी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. मीटिंग के दौरान द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की गई. विदेश मंत्री ने अमेरिका के नए सिक्योरिटी एडवाइजर माइकल वाल्ट्ज से भी मुलाकात की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी दौरे पर हैं. वे डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर गए थे. वहां उन्होंने QUAD देशों के विदेश मंत्री स्तर की मीटिंग में भी शिरकत की.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मुलाकात की तस्वीर एक्स पोस्ट में शेयर की और लिखा, "विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय बैठक के लिए सेक्रेटरी रूबियो से मिलकर खुशी हुई." उन्होंने कहा, "हमने बड़ी द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की, जिसके सेक्रेटरी रुबियो प्रबल समर्थक रहे हैं."
अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से कहा गया, विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाकात की. विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी को मजबूत करने के लिए साझा प्रतिबद्धता पर सहमति जताई. उन्होंने क्षेत्रीय मुद्दों और अमेरिका-भारत संबंधों को और गहरा करने के अवसरों, विशेष रूप से महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी, डिफेंस कॉर्पोरेशन, एनर्जी और एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने समेत कई विषयों पर चर्चा की. विदेश मंत्री रुबियो ने आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने और इरेगुलर इमिग्रेशन से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए भारत के साथ काम करने की ट्रंप प्रशासन की इच्छा पर भी जोर दिया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के एनएसए माइकल वाल्ट्ज से मुलाकात की भी तस्वीर शेयर की. उन्होंने लिखा, "एनएसए माइकल वाल्ट्ज से फिर से मिलकर बहुत अच्छा लगा. द्विपक्षीय लाभ सुनिश्चित करने और वैश्विक स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के लिए हमारी दोस्ती को मजबूत करने पर चर्चा की. हम एक सक्रीय और नतीजे निकलने वाले एजेंडे के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं."
विदेश मंत्री ने इससे पहले QUAD देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मीटिंग में शिरकत की. इसकी मेजबानी अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने की. इस दौरान जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे. इस बैठक को लेकर विदेश मंत्री ने अपने एक्स पोस्ट में बताया कि मीटिंग में, "स्वतंत्र, खुले, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने के कई आयामों पर चर्चा की गई."
एस जयशंकर ने अपने पोस्ट में कहा, "बड़ा सोचने, एजेंडे को गहरा करने और सहयोग को तेज करने की जरूरतों पर सहमति हुई. बैठक से यह स्पष्ट संदेश गया है कि अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में, क्वाड वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत बना रहेगा."