सहारा समूह ने विदेशों में अपने तीन होटलों पर बैंक ऑफ चाइना से लिया गया कर्ज चुकाने के लिए निवेशकों से पूंजी की व्यवस्था कर ली है. मीडिया रिपोर्ट और सहारा समूह के बयान के मुताबिक, समूह ने इस बाबत अरबपति रयूबेन बंधुओं (डेविड व सिमोन) के साथ एक समझौता किया है.
समझौते के तहत तहत ये निवेशक चीनी बैंक का ऋण चुकाने की जिम्मेदारी लेंगे. इस सौदे के बाद सहारा समूह लंदन के विख्यात ग्रॉसवेनोर हाउस होटल को नीलामी से बचाने में कामयाब हो सकेगा. बैंक ऑफ चाइना ने कर्ज चुकाने में तकनीकी चूक के आधार पर ग्रासनोवर हाउस होटल पर अपना प्रशासक बैठाकर इसको इस साल के शुरू में नीलामी के लिए पेश किया था. इस संबंध में संपर्क किए जाने पर सहारा समूह के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की कि रयूबेन बंधुओं के साथ अंतिम क्षण का समझौता हो चुका है. अब आखिरी दौर की चर्चा चल रही है.
सुब्रत राय को जेल से छुड़ाने के लिए प्रयास
कंपनी के प्रवक्ता ने सौदे की राशि के बारे में कुछ नहीं कहा. जबकि इससे पहले 'संडे टाइम्स' की एक रपट में कहा गया है कि रयूबेन बंधुओं के साथ सहारा समूह का यह समझौता 85 करोड़ डॉलर (5500 करोड़ रुपये) का है. गौरतलब है सहारा समूह अपने प्रमुख सुब्रत राय को जेल से छुड़ाने के लिए धन जुटाने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए वह अपने तीन विदेशी होटलों सहित अन्य संपत्तियों को बेचना चाहता है.
सहारा समूह के प्रवक्ता ने कहा कि समूह लंदन के ग्रॉसवेनोर हाउस होटल की जबरिया नीलामी को रुकवाने में सफल रहा है. यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विख्यात होटलों में से एक है. बयान में कहा गया है, 'समूह के चेयरमैन की अगुवाई में एक दल ने रयूबेन बंधुओं के साथ अंतिम क्षण के एक करार कर सफलतापूर्वक बातचीत कर ली है. वे अब बैंक ऑफ चाइना के ऋण की जिम्मेदारी लेने की प्रक्रिया के अंतिम दौर में हैं. बाकी दो होटल अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में प्लाजा और ड्रीम होटल हैं.
बयान में यह भी कहा गया है कि इस समय चल रही बातचीत से सुप्रीम कोर्ट में समूह की तात्कालिक जरूरतों के लिए नया धन मिलने की उम्मीद है. इसमें कहा गया है, 'यह हमारे चेयरमैन सुब्रत राय के बड़े संतोष की बात है कि वैश्विक रूप से विख्यात इन तीनों होटलों पर भारतीय ध्वज लगातार फहराता रहेगा.' संडे टाइम्स की रपट के अनुसार, रयूबेन भाइयों ने इस ऋण सौदे के तहत लंदन स्थित ग्रॉसवेनोर हाउस होटल और न्यूयार्क में दो होटलों का नियंत्रण ले लिया है.
गौरतलब है कि बैंक ऑफ चाइना ने सहारा को इस होटल के लिए कर्ज दे रखा है. सहारा ने उस समय कहा था कि वह एक वित्तीय सौदा करने में लगा है ताकि वह बैंक ऑफ चाइना का उधार लौटा कर इस होटल को अपने कब्जे में कर सके. निवेशकों की 24,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि लौटाने के मामले में सहारा समूह की भारत के पूंजी बाजार विनियामक सेबी से कानूनी लड़ाई चल रही है. सहारा समूह का दावा है कि वह निवेशकों की 95 फीसदी राशि पहले ही लौटा चुका है.
-इनपुट भाषा से