भारत के मुंबई में जन्में लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में हुए हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है. इस मामले में गिरफ्तार हमलावर 24 साल का हादी मतार ईरान के इस्लामी रिवोल्यूशरी गार्ड से प्रभावित बताया जा रहा है. हमलावर के इस ईरान कनेक्शन के सामने आने के बाद अब इजराइल हमलावर हो गया है.
इजराइल के प्रधानमंत्री येर लैपिड (Yair Lapid) ने ट्वीट कर सलमान रुश्दी पर हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है. इजराइल के प्रधानमंत्री ने कहा है कि सलमान रुश्दी पर हमला हमारी आजादी और मूल्यों पर हमला है. उन्होंने साफ कहा कि यह ईरान में चरमपंथी शासन के दौरान नेतृत्व की ओर से दशकों तक उकसाए जाने का परिणाम है.
येर लैपिड ने साथ ही ये भी कहा कि इजराइल के लोगों की ओर से हम सलमान रुश्दी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी सलमान रुश्दी पर हुए हमले को लेकर दुख व्यक्त करते हुए जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की थी. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रुढ़िवाद के खिलाफ सलमान रुश्दी की लड़ाई को सबकी लड़ाई बताते हुए हमले को कायराना बताया था.
गौरतलब है कि सलमान रुश्दी पर हुए हमले के मामले में पुलिस ने 24 साल के हादी मतार को पकड़ा है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक न्यू जर्सी के निवासी बताए जा रहे हादी मतार को सलमान रुश्दी पर हमला करने के लिए कोई पछतावा नहीं है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हादी मतार को Chautauqua County जेल भेज दिया गया है.
हादी मतार को क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन ब्यूरो ने हत्या के प्रयास के आरोप में पकड़ा था. बता दें कि सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में उस समय हमला हो गया था जब वे एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. हमलावर ने द सैटेनिक वर्सेज के लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से एक के बाद एक कई बार वार किए. इस हमले में सलमान रुश्दी गंभीर रूप से घायल हो गए.
सलमान रुश्दी को वेंटिलेटर पर रखा गया था. वे बोल भी नहीं पा रहे थे. उनके लीवर को भी नुकसान पहुंचा था. हालांकि, खबरों के मुताबिक सलमान रुश्दी की हालत अब पहले से काफी बेहतर है और वे अब बात भी कर रहे हैं. सलमान रुश्दी के चौथे उपन्यास द सैटेनिक वर्सेज प्रकाशित होने के एक साल बाद ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता रहे अयातुल्लाह खुमैनी ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था.
अयातुल्लाह खुमैनी की ओर से फतवा जारी किए जाने के बाद सलमान रुश्दी नौ साल तक छिप कर रहे थे. हालांकि, बाद में ईरान की ओर से ये भी कहा गया था कि वो सलमान रुश्दी की हत्या के पक्ष में नहीं है.