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सलमान रुश्दी पर अटैक करने वाला शख्स दोषी करार, हमले ने छीन ली थी लेखक की एक आंख की रोशनी

77 वर्षीय सलमान रुश्दी को इस हमले में सिर, गर्दन, धड़ और बाईं हथेली पर गंभीर चोटें आई थीं. इतना ही नहीं, उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी, और उनके लिवर और आंतों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा था. इस अटैक के बाद उन्हें आपातकालीन सर्जरी और लंबी चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था.

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सलमान रुश्दी पर हादी मतार ने हमला किया था (फाइल फोटो)
सलमान रुश्दी पर हादी मतार ने हमला किया था (फाइल फोटो)

न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर साल 2022 में मंच पर चाकू से हमला करने के आरोप में हादी मतार नाम के शख्स को हत्या के प्रयास और हमले का दोषी करार दिया. 27 वर्षीय मतार ने न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर दौड़कर रुश्दी पर हमला किया था. यह कार्यक्रम लेखकों की सुरक्षा पर चर्चा के लिए आयोजित किया गया थाय अदालत में पेश किए गए वीडियो फुटेज में हमलावर को मंच पर चाकू लेकर दौड़ते हुए देखा गया था.

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77 वर्षीय सलमान रुश्दी को इस हमले में सिर, गर्दन, धड़ और बाईं हथेली पर गंभीर चोटें आई थीं. इतना ही नहीं, उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी, और उनके लिवर और आंतों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा था. इस अटैक के बाद उन्हें आपातकालीन सर्जरी और लंबी चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ा था.

इस मामले में सुनवाई के दौरान सलमान रुश्दी ने खुद अदालत में गवाही दी. उन्होंने जूरी को बताया कि हमले के दौरान उन्हें लगा कि वह मरने वाले हैं. अदालत में उन्होंने अपनी दाहिनी आंख (जिसकी रोशनी चली गई) को दिखाने के लिए अपने काले लेंस वाले चश्मे को भी हटाया.

मतार को हत्या के प्रयास और हमले का दोषी पाया गया. यह हमला केवल सलमान रुश्दी पर ही नहीं, बल्कि पिट्सबर्ग स्थित सिटी ऑफ असाइलम के सह-संस्थापक हेनरी रीसे पर भी किया गया था, जो उस वक्त रुश्दी के साथ बातचीत कर रहे थे.

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भारत में एक मुस्लिम कश्मीरी परिवार में जन्मे सलमान रुश्दी को 1988 में अपने उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" के प्रकाशन के बाद से मौत की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. इस उपन्यास को ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खुमैनी ने ईशनिंदा करार दिया था.

हमले के बाद मतार ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि वह न्यूजर्सी से इस कार्यक्रम में केवल इसलिए आया था क्योंकि वह सलमान रुश्दी को पसंद नहीं करता था. उसने कहा कि रुश्दी ने इस्लाम पर हमला किया है और वह उसके विचारों से सहमत नहीं था.

मतार अमेरिकी और लेबनानी नागरिक है, उसने अदालत में अपनी गवाही नहीं दी. बचाव पक्ष के वकीलों ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि मतार ने जानबूझकर हत्या करने का इरादा रखा था. इसके अलावा मतार पर अमेरिकी संघीय अदालत में भी मुकदमा चलेगा, जहां उसे आतंकवादी गतिविधियों के तहत सलमान रुश्दी की हत्या के प्रयास और लेबनान स्थित सशस्त्र समूह हिज़बुल्लाह को सहायता प्रदान करने के आरोपों का सामना करना पड़ेगा. अमेरिका ने हिज़बुल्लाह को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है. इस मामले में मतार का अगला मुकदमा बफ़ेलो शहर में चलेगा.

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