आर्म्स डीलर संजय भंडारी जल्द ही भारत लाया जा सकता है. ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भंडारी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. साल 2020 में उसे गिरफ्तार किया गया था और दोनों सीबीआई और ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत उस पर आरोप तय किए थे.
लंबे समय से भंडारी को भारत लाने की तैयारी
जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार ने पहले ही संजय भंडारी को भगोड़ा घोषित किया हुआ है. जब से वो ब्रिटेन भागा है, उसे भारत लाने की कोशिश जारी है. भारत सरकार द्वारा ब्रिटेन सरकार से कई बार अपील भी की गई थी. फिर 16 जून, 2020 को ब्रिटेन की तत्कालीन गृहमंत्री प्रीति पटेल ने भंडारी के प्रत्यर्पण आग्रह को स्वीकार कर लिया था और अगले महीने उसकी गिरफ्तारी हो गई. अब वेस्टमिंस्टर कोर्ट के फैसले ने भंडारी की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ा दी हैं.
भंडारी पर आरोप क्या है?
असल में भंडारी पर आरोप है कि उसने बड़ी संख्या में काला धन विदेश भेजा था. टैक्स देने से बचा जा सके, इसलिए अपने साथियों की मदद से भंडारी ने काफी पैसा बाहर भेजा. इस वजह से नेशनल एक्सचेंजर को बड़ा नुकसान हुआ. बाद में संजय भंडारी के प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से भी कनेक्शन सामने आए थे. साल 2016 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भंडारी से वाड्रा की 2012 की फ्रांस ट्रिप को लेकर भी कई सवाल पूछे थे.
रक्षा सौदों में रिश्वत लेने का भी आरोप
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक भंडारी के कई विदेशी कंपनियों में एसेट मौजूद हैं. लेकिन उनको लेकर कोई भी पारदर्शिता नहीं है और आज तक भंडारी ने उसको लेकर आयकर विभाग को कोई जानकारी नहीं दी. इस सब के अलावा संजय भंडारी पर एक और बड़ा आरोप चल रहा है. उस पर रक्षा सौदों में रिश्वत लेने का आरोप है. यूपीए के जामने में हुई कुछ डीलों को लेकर वो विवाद है जिसमें संजय भंडारी का नाम भी सामने आया है.
रेड में मिले थे रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज
साल 2016 में जब आयकर विभाग ने संजय भंडारी के आवास पर रेड मारी थी, वहां से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज प्राप्त हुए थे. तब इसे आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का संभावित उल्लंघन माना गया था. उसके बाद ही भंडारी के खिलाफ लुक ऑउट नोटिस जारी हुआ था और वो भारत छोड़ विदेश भाग गया था. अभी के लिए संजय भंडारी वेस्टमिंस्टर कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में भी चुनौती दे सकता है. ऐसे में उसका आने का इंतजार अभी और लंबा खिच सकता है.