पाकिस्तान ने दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत की इस दलील को खारिज कर दिया है कि कश्मीर में अशांति बुनियादी तौर पर सीमा पार आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है. उसने यह आरोप भी लगाया कि भारत ने मुद्दे का सार्थक बातचीत के जरिए हल करने के सभी अवसरों को खत्म कर दिया.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद ने हमेशा से उन प्रयासों का स्वागत किया है, जिनका मकसद घाटी में मानवाधिकारों के मुद्दों का निदान करना और कश्मीर मुद्दे का समाधान करना हो. विदेश विभाग के अनुसार अजीज ने कहा, भारत की दलील है कि कश्मीर मुद्दा बुनियादी तौर पर सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा है. यह एक ऐसा दावा है जिसे आज दुनिया स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के उस सुझाव का स्वागत किया कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए बहुपक्षीय संवाद होना चाहिए. अजीज ने कहा कि कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत की पक्रिया को मजबूत करने का तुर्की के राष्ट्रपति के हालिया प्रस्ताव और मुद्दे के समाधान के लिए बहुपक्षीय रूख के उनके सुझाव का स्वागत किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, इस संदर्भ में भारत का द्विपक्षीय संवाद का प्रस्ताव अब विश्वसनीय नहीं रहा क्योंकि पिछले दो दशकों में भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर मुद्दे का सार्थक बातचीत के जरिए हल करने के सभी अवसरों को खत्म कर दिया.
अजीज ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने निहत्थे कश्मीरी प्रदर्शनकारियों की हत्याओं के मामले में कश्मीर में बर्बरता का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि इस्लामाकि देशों के समूह ओआईसी ने गत अप्रैल में इस्तांबुल में 13वें शिखर बैठक में एक प्रस्ताव के जरिए कश्मीरियों के स्वतंत्रता संघर्ष को आतंकवाद बताने के भारत के प्रयासों को खारिज कर दिया.