सऊदी अरब, बहरीन, मिस्त्र और संयुक्त अरब अमीरात ने कतर से रिश्ते खत्म करने का ऐलान कर दिया. चारों देशों ने कतर के साथ डिप्लोमेटिक रिश्तों के साथ जमीन, समुद्र और हवाई रिश्ते भी खत्म कर दिए. आतंकी और चरमपंथी संगठनों को समर्थन का आरोप लगाते हुए कतर के खिलाफ ये एक्शन लिया गया.
सऊदी अरब ने अपने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सऊदी को आतंकवाद और कट्टरपंथ से बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था. सऊदी ने कहा कि देश के साम्राज्य को बचाने के लिए ये कदम उठाया गया है.
वहीं बहरीन ने कहा है कि वह कतर की राजधानी दोहा से 48 घंटे के अंदर अपने राजनयिक मिशन को वापस बुला रहा है और इसी अवधि में कतर के सभी राजनयिकों को बहरीन छोड़ देना चाहिए.
मिस्त्र ने कतर के साथ हवाई रिश्ते और सभी बंदरगाह बंद करने का ऐलान किया. मिस्त्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर ये फैसला लेने का दावा किया.
सऊदी प्रेस एजेंसी की खबर के मुताबिक, कतर लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहा था. साथ ही सऊदी में विरोधी ताकतों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा था. जिसके चलते ये एक्शन लिया गया.
मुस्लिम ब्रदरहुड और ISIS के समर्थन का आरोप
सऊदी अरब ने कतर पर मुस्लिम ब्रदरहुड और आतंकी संगठन ISIS को समर्थन देने का आरोप भी लगाया है. साथ ही यमन के खिलाफ सऊदी की लड़ाई को कतर मीडिया में नकारात्मक तरीके से पेश करने का भी आरोप लगाया. हाल ही में मिस्त्र ने मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थन के आरोप में कई न्यूज वेबसाइट्स पर बैन लगाया था.