सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद उसकी बॉडी को ठिकाने लगाने के लिए एक खौफनाक प्लान बनाया गया था. अल जजीरा की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जमाल खशोगी की हत्या के बाद संभव है कि उनकी बॉडी को एक विशाल अवन में जला दिया गया. जमाल खशोगी की हत्या के तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी दूतावास में की गई थी.
अल जजीरा ने एक डॉक्युमेंट्री में दावा किया है कि तुर्की के अधिकारियों ने सऊदी दूतावास के अधिकारी के घर जल रहे भट्ठी की निगरानी की थी. रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर बैग में भरकर खशोगी के लाश के टुकड़े लाए गए थे और इसे जलाया गया.
अल जजीरा ने इस विशाल भट्ठी को बनाने वाले एक मजदूर का इंटरव्यू लिया. इस शख्स ने बताया कि उसने सऊदी अधिकारियों से मिले निर्देश के मुताबिक अवन का बनाया था. शख्स ने कहा कि अवन काफी गहरा था, इसे इतना मजबूत बनाया गया था ताकि ये 1000 डिग्री का तापमान सब सके. इस अवन में धातु को भी गला देने की क्षमता थी.
अधिकारियों ने बताया कि खशोगी की बॉडी को जलाने के बाद इस अवन में मीट भी पकाया गया ताकि पुराने सबूत मिटाए जा सके.
तुर्की के जांच अधिकारियों ने पाया कि खशोगी के खून के छींटे सऊदी काउंसल के दफ्तर में दीवारों पर मिले हैं. खशोगी की हत्या के बाद इन दीवारों पर नया पेंट कर दिया गया था. अल जजीरा ने ये डॉक्युमेंट्री सुरक्षा अधिकारियों, खशोगी के तुर्क दोस्तों और नेताओं से इंटरव्यू के आधार पर तैयार किया है.
सऊदी प्रिंस के कट्टर आलोचक थे खशोगी
जमाल खशोगी सऊदी अरब के जाने-माने पत्रकार थे. वे क्राउन प्रिंस के आलोचक थे. 2 अक्टूबर 2018 को वह तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में स्थित सऊदी दूतावास में कुछ कागजी कार्रवाई करने गए थे, ताकि वह तुर्की की अपनी मंगेतर हैटिस कैंगिज से शादी कर सकें.
सऊदी अरब ने पहले कहा था कि जमाल खशोगी सऊदी दूतावास से जिंदा बाहर निकले, लेकिन बाद में सऊदी प्रशासन ने स्वीकार किया कि कुछ 'बदमाश तत्वों' के एक ऑपरेशन के तहत उनकी हत्या कर दी थी. सऊदी अरब ने इस हत्या के मामले में 11 लोगों पर आरोप लगाए हैं. हालांकि सऊदी ने इन्हें तुर्की को सौंपने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह खुद इस केस का निपटारा करेगा. संयुक्त राष्ट्र ने इस हत्या की निंदा की है और इसने नृशंस और पूर्व नियोजित बताया है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि इसके पीछे सऊदी अरब का हाथ है.