सऊदी अरब में जल्द महिलाएं कार चलाती हुई दिखेंगी. सऊदी अरब के शासक सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सौद ने देश में महिलाओं को ड्राइविंग करने की इजाजत दे दी है. आधुनिकता की ओर बढ़ते सऊदी अरब के इस कदम से न सिर्फ सऊदी अरब में बल्कि दुनियाभर में इस फैसले की सराहना हो रही है. आपको बता दें कि सऊदी अरब दुनिया का एकलौता देश है जहां महिलाएं ड्राइव नहीं कर सकती हैं.
शासक सलमान बिन के शाही आदेश में आदेश को सही तरीके से लागू करने के लिए उच्चस्तरीय मंत्री स्तर की कमिटी का गठन करने कहा गया है. यह कमेटी 30 दिन के अंदर सुझाव पेश करेगी और जून 2018 तक इस आदेश को लागू किया जाएगा. इस आदेश में यह भी कहा गया है कि यह शरिया मानकों के मुताबिक होगा.
आपको बता दें कि सऊदी अरब में महिलाओं को कार चलाने से रोकने वाला कोई कानून नहीं है, लेकिन धार्मिक मान्यताएं इनका समर्थन नहीं करतीं. सऊदी अरब के धार्मिक प्रतिनिधियों के मुताबिक ड्राइविंग करने वाली महिलाएं "सामाजिक मूल्यों का उल्लंघन" करती हैं. 2011 में कुछ महिलाओं ने मिलकर "विमेन2ड्राइव" नाम की एक मुहिम छेड़ी थी, जिसके तहत उन्होंने सोशल मीडिया पर महिलाओं की ड्राइव करते हुए तस्वीरें डाली थीं.
.@KingSalman issues order allowing women to drive. #SaudiArabia pic.twitter.com/y1R90LjfjI
— وزارة الخارجية 🇸🇦 (@KSAMOFA) September 26, 2017
वहीं नए आदेश के बारे में सऊदी के विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की. उन्होंने लिखा, 'सऊदी अरब ने महिलाओं ड्राइव करने की अनुमति दे दी है.' यह आदेश अगले साल 23 या 24 जून से इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से लागू कर दिया जाएगा. सऊदी अरब की गिनती कट्टरपंथी देश के तौर पर होती है, जहां महिलाओं के लिए पाबंदियां बहुत ज्यादा और सख्त हैं. वहीं यह आदेश उस विकास और मॉडर्न फैसलों के सिलसिले में शुमार एक कदम है, जिसकी सऊदी अरब में झलक देखने को मिल रही है. सऊदी के शासक सलमान के इस कदम का अमेरिका ने भी स्वागत किया है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, 'यह सऊदी अरब को सही दिशा में ले जाने के लिए बड़ा कदम है.'
शनिवार को सऊदी अरब ने अपने फाउंडेशन डे में पहली बार महिलाओं को स्टेडियम में हो रहे कॉन्सर्ट में एंट्री दी थी. उस फैसले को भी काफी सराहा गया था. ऐसे में यह सारे फैसले सऊदी सरकार के विजन 2030 का हिस्सा हैं. अब सऊदी अरब विजन 2030 के लिए सोशल और इकोनॉमिक रिफॉर्म के तहत इन पाबंदियों और नियम-कायदों को ढील देने की कोशिश में लगा हुआ है