scorecardresearch
 

जिस बात पर भारत को यूरोप ने दी एक्शन की धमकी, सऊदी भी कर रहा वही काम

रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए यूरोपीय यूनियन उस पर आर्थिक प्रतबंध लगाए हुए है. लेकिन लूपहोल का फायदा उठा कर सऊदी अरब रूस से भारी मात्रा में डीजल और गैस ऑयल खरीद रहा है. दिलचस्प बात यह है कि प्रतिबंधित तेल को सऊदी अरब रिफाइन कर प्रतिबंध लगाने वाले देश को ही निर्यात कर रहा है.

Advertisement
X
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (फाइल फोटो- रॉयटर्स)

अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध से बचने के लिए सऊदी अरब भी भारत का तरीका अपना रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब रूस से लाखों बैरल डीजल खरीदने के बाद उसे रिफाइन करके यूरोपीय देशों को बेच रहा है. सऊदी अरब के इस कदम से यूरोपीय यूनियन के उस प्लान को झटका लगा है, जिसका मकसद ही रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करना है. 

Advertisement

ब्लूमबर्ग ने एनालिटिक्स फर्म Kpler के हवाले से कहा है कि सऊदी अरब ने अप्रैल में रूस से लगभग 1,74,000 बैरल प्रतिदिन डीजल और गैस ऑयल आयात किया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसी संभावना है कि सऊदी अरब इस महीने पिछले महीने की तुलना में काफी ज्यादा तेल आयात करे.

रूसी तेल को रिफाइन कर यूरोप भेज रहा सऊदी अरब

मामले से वाकिफ एक शख्स का कहना है कि चूंकि, रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा हुआ है. ऐसे में अगर सऊदी अरब रूसी तेल को सीधे निर्यात करता है, तो यह यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा. इसलिए सऊदी अरब रूसी तेल को पहले सऊदी की रिफाइनरियों में रिफाइन करता है. उसके बाद इसी तेल को यूरोपीय देशों को निर्यात करता है. निर्यात किए जाने वाले तेल को डिफरेंट स्पेशिफिकेशन और लॉन्ग टर्म सप्लाई कमिटमेंट के साथ रिफाइन किया जाता है. 

Advertisement

रूसी तेल का बढ़ता व्यापार इस बात का उदाहरण है कि पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के बीच ऑयल मार्केट ने लूप होल का फायदा उठाते हुए रूसी तेल का इस्तेमाल करना सीख लिया है. यही वजह है कि रूसी क्रूड ऑयल का निर्यात दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है. 

सऊदी अरब का डीजल आयात बढ़ा

पिछले कुछ महीनों में सऊदी अरब के डीजल आयात में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है. एनालिटिक्स फर्म वोर्टेक्सा के मुताबिक, सऊदी अरब का वर्तमान डीजल आयात साल 2017 के बाद से उच्चतम स्तर पर है. वहीं, एक अन्य एनालिटिक्स फर्म Kpler के मुताबिक, सऊदी अरब पिछले महीने अमेरिका को पछाड़ते हुए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डीजल और गैस का निर्यातक देश बन गया है. अप्रैल महीने में किए गए कुल निर्यात का लगभग 35 प्रतिशत निर्यात सऊदी अरब ने यूरोपीय संघ और ब्रिटेन को किया है.

फाइल फोटो- रॉयटर्स

सऊदी अरब के डीजल निर्यात में भी बढ़ोतरी 

रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब के डीजल और गैस ऑयल निर्यात में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल महीने में सऊदी अरब ने डीजल निर्यात में अमेरिका को तो पीछे छोड़ दिया है. यही नहीं, सऊदी अरब ने यूरोपीय देशों के अलावा अफ्रीकी देशों को भी डीजल निर्यात किया है. 

कंसल्टिंग फर्म FGE में मध्य पूर्व के प्रबंध निदेशक इमान नासेरी का कहना है कि 2022 में सऊदी अरब का डीजल आयात प्रति दिन औसतन लगभग 31,500 बैरल था. जो इस साल अंतिम तक 150,000 बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है. 

Advertisement

भारत भी रूसी तेल को करता है निर्यात

मई में फिनलैंड स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने 'लॉन्ड्रोमैट: हाउ द प्राइस कैप एलायंस वाइटवॉश रशियन ऑयल इन थर्ड कंट्रीज' नाम की रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, चीन, तुर्की, यूएई और सिंगापुर लूपहोल का फायदा उठाकर रूसी तेल को रिफाइन कर यूरोपीय देशों को निर्यात कर रहे हैं. इसके अनुसार, रूसी तेल को रिफाइन कर यूरोपीय देशों को बेचने में भारत सबसे ऊपर है.  

CREA की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत का डीजल निर्यात बढ़ा है. यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत के डीजल निर्यात में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से पहले भारत समान्यतः यूरोपीय देशों को 1,54,000 बैरल प्रतिदिन डीजल और जेट फ्यूल निर्यात करता था. वहीं, रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत यूरोपीय देशों को लगभग दो लाख बैरल प्रतिदिन डीजल और जेट फ्यूल निर्यात करता है. 

यूरोपीय यूनियन ने दी थी भारत को चेतावनी

भारत भी रूसी तेल को रिफाइन कर यूरोपीय देशों को निर्यात कर रहा है. भारत के इस कदम पर यूरोपीय यूनियन ने लगभग दो सप्ताह पहले चेतावनी देते हुए कहा था कि भारत प्रतिबंध तेल को खरीद कर हमें ही बेच रहा है. यह सीधे-सीधे प्रतिबंधों का उल्लंघन है. हमें इस पर कार्रवाई करनी होगी. 

Advertisement

यूरोपीय यूनियन की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा था कि भारत रूस से तेल आयात कर रहा है. इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन भारत इसी तेल को रिफाइन कर हमें बेच रहा है. यह निश्चित रूप से प्रतिबंधों का उल्लंघन है. सदस्य देशों को इसका उपाय निकालना होगा. 

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईयू के अधिकारी जोसेप बोरेल पर पलटवार करते हुए रेगुलेशन पढ़ने की नसीहत दी थी. उन्होंने कहा था "मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप यूरोपीय यूनियन के रेगुलेशन को देखें. रूसी तेल को किसी तीसरे देश में रिफाइन किया जा रहा है. रिफाइन ऑयल को रूसी तेल नहीं माना जाता है. मैं आपसे ईयू के 833/2014 रेगुलेशन देखने का आग्रह करूंगा."

 

Advertisement
Advertisement