इजरायल-हमास युद्ध के बीच सऊदी अरब पर फिलिस्तीनियों का समर्थन करने का भारी दबाव है. गाजा में इजरायल की जंग से जो तबाही मची है, उसे लेकर इस्लामिक देशों में आक्रोश है. इसी बीच एक वायरल वीडियो ने सऊदी किंगडम की परेशानियां बढ़ा दी हैं. वायरल वीडियो संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबू धाबी में चल रहे विश्व व्यापार संगठन के 13वें मंत्रीस्तरीय कॉन्फ्रेंस का है जिसमें सऊदी अरब के वाणिज्य मंत्री माजिद बिन अब्दुल्ला अल-कसाबी अपने इजरायली समकक्ष से हाथ मिलाते दिख रहे हैं. जब यह वीडियो वायरल हुआ तो इस्लामिक दुनिया को चिंता सताने लगी कि क्या सऊदी अरब इजरायल के साथ अपने रिश्ते को खुलकर स्वीकार कर रहा है.
हालांकि, इस बहस के शुरू होने से पहले ही सऊदी अरब ने सफाई पेश कर दी. सऊदी ने इस बात से ही इनकार कर दिया है कि उसके मंत्री ने अपने इजरायली समकक्ष से मुलाकात की है.
सऊदी अरब की सरकारी प्रेस एजेंसी सऊदी प्रेस एजेंसी ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से लिखा है कि सऊदी अरब के मंत्री अपने नाइजीरियाई समकक्ष के साथ खड़े थे और तभी एक अनजान शख्स उनके पास आया और उनका अभिवादन किया. सऊदी अधिकारी का कहना है कि वाणिज्य मंत्री को पता नहीं था कि वो जिससे हाथ मिला रहे हैं, वो वास्तव में है कौन.
सऊदी अधिकारी के हवाले से सऊदी की एजेंसी ने लिखा, 'बाद में शख्स ने खुद को इजरायली सरकार में वाणिज्य मंत्री बताया.'
मुलाकात को लेकर इजरायल के मंत्री ने क्या कहा?
इजरायल के वाणिज्य मंत्री नीर बरकत ने सोमवार को इस मुलाकात की जानकारी दी है. उनके कार्यालय की तरफ से कहा गया कि अगर दोनों देश साथ मिलकर काम करें तो इतिहास बना सकते हैं.
अबू धाबी में सोमवार से चल रहे WTO कॉन्फ्रेंस में दुनियाभर के व्यापार मंत्रियों ने हिस्सा लिया है जो 29 फरवरी को समाप्त होगा. इस कॉन्फ्रेंस के दौरान सऊदी मंत्री का इजरायली मंत्री से मिलना बेहद दुर्लभ घटना मानी जा रही है क्योंकि सऊदी अरब और इजरायल के बीच कोई औपचारिक रिश्ता नहीं है.
अमेरिका हालांकि, कोशिश कर रहा है कि दोनों देश दुश्मनी भुलाकर अपने रिश्तों को सामान्य कर लें. पिछले साल अक्टूबर में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने से पहले अमेरिका की कोशिशों के कारण सऊदी-इजरायल में एक सामान्यीकरण समझौता होने की खबरें आ रही थीं. लेकिन अब सऊदी अरब ने स्पष्ट कर दिया है कि इजरायल जब तक फिलिस्तीनी राष्ट्र की बात नहीं मानता, दोनों देशों के बीच कोई सामान्यीकरण समझौता नहीं होगा.
सऊदी प्रेस एजेंसी से बात करते हुए सऊदी सरकारी अधिकारी ने भी कहा कि फिलिस्तीनी राष्ट्र के लिए सऊदी अरब का समर्थन जारी है.
इजरायल-हमास युद्ध ने सऊदी पर बढ़ाया दबाव
सऊदी अरब खुद को बड़ी क्षेत्रीय शक्ति बनाने के लिए क्षेत्रीय झगड़ों से ऊपर उठकर सभी देशों के साथ संबंधों को सामान्य करना चाहता है. इजरायल से दोस्ती करना उसके लिए इसलिए भी अहम है क्योंकि बदले में उसे अमेरिका से बड़ा सहयोग भी मिलने वाला है. अमेरिका बदले में सऊदी को उसके नागरिक इस्तेमाल के लिए परमाणु कार्यक्रम में सहयोग करेगा और उसके सुरक्षा की गारंटी को और मजबूत करेगा.
इसे देखते हुए सऊदी खुद भी इजरायल के साथ रिश्ते सामान्य करना चाहता है लेकिन हमास के साथ इजरायल के युद्ध को लेकर उस पर अरब दुनिया का दबाव काफी बढ़ गया है. अब युद्ध के खत्म होने तक सऊदी अरब चाहकर भी इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य नहीं कर सकता.