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रमजान में अल-अक्सा मस्जिद में नमाजियों पर हमला, भड़के इस्लामिक देश, सऊदी-तुर्की भी हुए खफा

रमजान के महीने में मुसलमानों के लिए पवित्र अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली पुलिस के हमले की सऊदी अरब ने कड़ी निंदा की है. सऊदी अरब का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है. मिस्र और जॉर्डन ने भी नमाजियों पर इजरायली पुलिस के हमले को लेकर प्रतिक्रिया दी है.

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अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजरायल-फिलिस्तीन में हिंसा होती रही है (Photo- Reuters)
अल-अक्सा मस्जिद को लेकर इजरायल-फिलिस्तीन में हिंसा होती रही है (Photo- Reuters)

इस्लाम के पवित्र महीने रमजान में मुसलमानों के लिए पवित्र यरूसलम की अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली पुलिस ने नमाजियों पर हमला किया है. इसे लेकर सऊदी अरब ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस तरह की घटनाएं शांति के प्रयासों को कमजोर करती हैं. मंत्रालय ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों और मानदंडों का उल्लंघन है.

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सउदी अरब की आधिकारिक प्रेस एजेंसी, सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने अल-अक्सा मस्जिद में 'इजरायली सेना के कब्जे के प्रयास, नमाजियों पर हमले और कई लोगों को गिरफ्तार किए जाने' की कड़ी निंदा की है.

एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि सऊदी अरब अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में हमले और उस पर धावा बोलकर कब्जा करने की कृत्यों की कड़ी निंदा करता है.

बयान में कहा गया, 'ये घटनाएं शांति प्रयासों को कमजोर करती हैं जो फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान के लिए किए जा रहे हैं. इस तरह के हमले धार्मिक पवित्रता के संबंध में अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों और मानदंडों का उल्लंघन करते हैं.'

इस्लामिक देश तुर्की ने की कड़ी निंदा

तुर्की ने कहा है कि रमजान के दौरान मुस्लिमों पर हमला, स्थल की पवित्रता का उल्लंघन करता है और यह अस्वीकार्य है.

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तुर्की के विदेश मंत्रालय ने हमले की निंदा करते हुए एक बयान में कहा, 'हम अल-अक्सा मस्जिद पर हमला करने वाले इजरायली सुरक्षा बलों की निंदा करते हैं जिसमें हरम-ए शरीफ (अल-अक्सा मस्जिद) की पवित्रता और ऐतिहासिक यथास्थिति का उल्लंघन करके कई फिलिस्तीनी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है.'

बयान में आगे कहा गया, 'रमजान के पवित्र महीने के दौरान मस्जिद अल-अक्सा में नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ ये हमले किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हैं.'

तुर्की की तरफ से पूरे क्षेत्र में हिंसा में वृद्धि पर भी चिंता व्यक्त की गई और इजरायल से आह्वान किया गया कि वो हिंसा और उकसावे को तत्काल समाप्त करे.

तुर्की विदेश मंत्रालय ने कहा, 'इजरायली सरकार को तत्काल सभी उकसावों, कार्रवाइयों और हमलों को बंद करना चाहिए, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है.'

जॉर्डन और मिस्र भी भड़के

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव को कम करने के लिए अमेरिका समर्थित प्रयासों में शामिल जॉर्डन और मिस्र ने भी इस घटना की निंदा करते हुए अलग-अलग बयान जारी किए हैं.

जॉर्डन, जो 1967 के युद्ध के बाद से यथास्थिति व्यवस्था के तहत यरूशलम के ईसाई और मुस्लिम पवित्र स्थलों के संरक्षक के रूप में कार्य करता है, ने मस्जिद पर 'धावा बोलने' को लेकर इजरायल की निंदा की है.

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वहीं, मिस्र के विदेश मंत्रालय ने अल-अक्सा में नमाजियों पर इजरायल के 'हमले' को तत्काल रोकने का आह्वान किया है.

फिलिस्तीन ने दी इजरायल को चेतावनी

फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदीनेह ने कहा, 'हम पवित्र स्थलों पर सीमा पार करने के खिलाफ कब्जे की चेतावनी दे रहे हैं. इससे बड़ा विस्फोट होगा.'

फिलिस्तीनी समूहों ने भी नमाजियों पर इजरायल के हमलों की निंदा की और उसे एक अपराध बताया है.  फिलिस्तीन के इस्लामी चरमपंथी संगठन हमास ने इस हमले की 'एक अभूतपूर्व अपराध' के रूप में निंदा की है. हमास ने वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों को 'बचाव के लिए अल-अक्सा मस्जिद में सामूहिक रूप से जमा होने' का आह्वान किया है.

रात के अंधेरे में लोगों की पीटती पुलिस

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इजरायली पुलिस ने बुधवार तड़के दर्जनों फिलिस्तीनियों पर हमला किया और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया. सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें लोगों को टॉर्च की रोशनी में लाठी-डंडों से पीटा जा रहा है और वो अल्लाह, अल्लाह चिल्ला रहे हैं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मानवाधिकार संस्था फिलिस्तीनी रेड क्रीसेंट सोसाइटी ने कहा कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इजरायली पुलिस के साथ झड़पों में सात फिलिस्तीनी रबर की नोक वाली गोलियों और पिटाई से घायल हो गए. इसमें कहा गया है कि इजरायली सेना अपने चिकित्साकर्मियों को मस्जिद तक पहुंचने से रोक रही थी.

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'कुरान पढ़ रही थी, मेरी छाती पर ग्रेनेड फेंक दिया'

मस्जिद के बाहर एक बुजुर्ग महिला ने रोते हुए बताया, 'मैं एक कुर्सी पर बैठी थी और कुरान पढ़ रही थी. उन्होंने स्टन ग्रेनेड फेंकें, उनमें से एक मेरी छाती पर लगा.' घायल महिला को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी.

इजरायली पुलिस ने एक बयान में यह कहा है कि उसे मस्जिद परिसर में प्रवेश होने के लिए मजबूर किया गया. पुलिस का कहना है कि नकाबपोश फिलिस्तीनी मस्जिद के अंदर आतिशबाजी कर रहे थे और वो लाठियों और पत्थरों के साथ जमा हुए थे.

बयान में कहा गया है, 'जब पुलिस ने मस्जिद परिसर में प्रवेश किया, तो उन पर पत्थर फेंके गए और आंदोलनकारियों के एक बड़े समूह ने मस्जिद के अंदर से आतिशबाजी की.' पुलिस ने कहा कि इससे एक पुलिस अधिकारी के पैर में चोट आई है.

अल-अक्सा मस्जिद परिसर को इजरायल के यहूदी टेंपल माउंट कहते हैं और यह उनका भी पवित्र स्थल है. कुछ सालों में इस धार्मिक स्थल को लेकर फिलिस्तीन, इजरायल के बीच हिंसा तेज हुई है.

इस घटना के बाद से ही कब्जे वाले वेस्ट बैंक में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इजरायली सेना का दावा है कि दक्षिणी शहरों में फिलिस्तीन के गाजा से इजरायल की ओर नौ रॉकेट दागे गए हैं जिनमें से पांच को नाकाम कर दिया गया है और चार खुले इलाकों में गिरे हैं. 

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