इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के मंत्री इत्तेमार बेन गिविर के मंगलवार को अल अक्सा मस्जिद में जाने और वहां प्रार्थना करने को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है. फिलिस्तीन और इजरायल के बीच विवाद का केंद्र रहे मस्जिद में प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू के मंत्री अकेले नहीं गए बल्कि वो सैकड़ों इजरायलियों के साथ मस्जिद परिसर में घुसे. इसे लेकर सऊदी अरब इजरायल पर भड़क गया है और अमेरिका ने भी इसे अस्वीकार्य बताया है.
मंगलवार को यहूदी Tisha Be'Ab यानी 'यहूदी शोक दिवस' मना रहे थे और बेन गिविर ने इसी शोक दिवस को मनाने के लिए मस्जिद परिसर में प्रवेश किया. यहूदियों के प्राचीन मंदिर पर 70 ईसा पूर्व में रोमनों ने हमला कर उसे तोड़ दिया था जिसकी याद में शोक दिवस मनाया जाता है.
सऊदी अरब ने इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश करने को हमला बताया है और इसकी निंदा की है. सऊदी ने कहा है कि यरूशलेम की ऐतिहासिक यथास्थिति का सम्मान किया जाना चाहिए.
'दुनिया भर के लाखों मुसलमानों को...'
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'किंगडम इजरायली कब्जे वाले अधिकारियों और वहां करने वालों का अल-अक्सा मस्जिद पर खुलेआम और लगातार हमले की कड़ी शब्दों में निंदा करता है.'
बयान में धार्मिक पवित्रता का सम्मान करने पर जोर दिया गया. साथ ही सऊदी अरब ने चेतावनी दी कि 'अंतरराष्ट्रीय कानून और यरूशलेम की ऐतिहासिक यथास्थिति के लगातार उल्लंघन और दुनिया भर के लाखों मुसलमानों को उकसाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
सऊदी विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि इजरायल की तरफ से लगातार हो रहे इन उल्लंघनों को रोकने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाई जाए.
अल-अक्सा मस्जिद का महत्व
अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए अल-हराम अल शरीफ के नाम से मशहूर इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल में स्थित है. मस्जिद परिसर में डोम ऑफ द रॉक भी शामिल है.
इजरायली मस्जिद परिसर को टेंपल माउंट कहते हैं और यह स्थल यहूदियों के लिए सबसे पवित्र जगह मानी जाती है.
मस्जिद परिसर में यहूदियों और अन्य गैर-मुसलमानों को जाने की अनुमति तो है लेकिन वो वहां जाकर प्रार्थना नहीं कर सकते या फिर कोई भी धार्मिक प्रतीक प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं.
लेकिन हाल के सालों में बेन गिविर जैसे धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेताओं ने इन प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है. इन उल्लंघनों की वजह से फिलिस्तीनियों की हिंसक प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती रही हैं.
जॉर्डन ने भी किया विरोध
जॉर्डन पर अल-अक्सा मस्जिद की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. बेन गिविर के मस्जिद परिसर में प्रवेश पर जॉर्डन ने भी कड़ी आपत्ति जताई है.
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने भी मस्जिद पर 'हमले' की निंदा की और इसे 'अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन' बताया है.
मंत्रालय के प्रवक्ता सुफियान अल-कुदाह ने एक बयान में कहा, 'यरूशलेम की ऐतिहासिक और कानूनी यथास्थिति के लगातार उल्लंघन के लिए एक स्पष्ट और दृढ़ अंतरराष्ट्रीय स्थिति की जरूरत है जो इन उल्लंघनों की निंदा करे.'
अमेरिका क्या बोला?
इजरायल के सहयोगी अमेरिका ने भी इजरायली मंत्री के अल-अक्सा में प्रवेश को अस्वीकार्य बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि अमेरिका यरूशलेम के पवित्र स्थलों के संबंध में ऐतिहासिक यथास्थिति के बचाने के लिए मजबूती से खड़ा है.'
वेदांत पटेल ने कहा, 'इस तरह की कोई भी एकतरफा कार्रवाई जो यथास्थिति को खतरे में डालती है, अस्वीकार्य है. हम युद्धविराम (इजरायल-हमास युद्ध में युद्धविराम) समझौते को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे में यह कदम समझौते में भी बाधा डालता है.'