आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने डिफॉल्ट होने से बचने के लिए एक बार फिर सऊदी अरब की ओर रुख किया है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि कुछ दिनों में सऊदी अरब पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर कर्ज देगा.
एक साल के भीतर यह दूसरी बार होगा कि पाकिस्तान सऊदी अरब से बेलआउट कर्ज लेगा. विदेशी मुद्रा का गंभीर संकट झेल रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार संपत्तियों को बेचकर विदेशी मुद्रा जुटाएगी. इसके अलावा इशाक डार ने कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को भी एक विकल्प के रूप में देख रही है.
हालांकि, आईएमएफ से मदद मिलना पाकिस्तान के लिए इतना आसान नहीं है. आईएमएफ की शर्तें मानने से पाकिस्तान में जनता पर महंगाई और टैक्स का बोझ बढ़ेगा जिससे शहबाज शरीफ सरकार को जनता की नाराजगी झेलनी पड़ेगी.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, वित्त मंत्री ने ट्रिब्यून को बताया कि सऊदी अरब से पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का बेलआउट कर्ज मिलेगा. हालांकि, इस पर सऊदी किंग मोहम्मद बिन सलमान की अंतिम सहमति बाकी है. पाकिस्तान को सऊदी अरब से ये मदद मिल भी गई तो भी उसका आर्थिक संकट पूरी तरह से खत्म नहीं होगा.
पाकिस्तान का खाली खजाना
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 5 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है जो सिर्फ तीन हफ्ते के आयात बिल के लिए ही पर्याप्त है. देश में आर्थिक संकट की गंभीरता को देखते हुए एनएससी (राष्ट्रीय सुरक्षा समिति) समेत पाकिस्तानी मिलिट्री लीडरशिप ने एक सप्ताह के अंदर दो से ज्यादा बार इस पर चर्चा की है.
एनएससी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि एनएससी इस बात को लेकर संतुष्ट है और चिंता की कोई बात नहीं है. हालांकि वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि एनएससी ने आईएमएफ में जाने की योजना का समर्थन किया है या नहीं. लेकिन उन्होंने कहा कि अभी इस बात पर आम सहमति बनी है कि वर्तमान संकट से निकलने के लिए हम सभी मिलकर काम करेंगे.
चीन से भी कर्ज लेगा पाकिस्तान
इशाक डार ने कहा कि लोन का रोलओवर कोई नई बात नहीं है. सभी देश पिछला कर्ज चुकाने के लिए नए उधार लेने का विकल्प या वे रोलओवर का विकल्प चुनते हैं. लेकिन हम रोलिंग ओवर डिपॉजिट का विकल्प चुन रहे हैं. उन्होंने कहा चीन भी जल्द ही 1.2 अरब डॉलर का कर्ज देगा. हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि चीन भी नया कर्ज देगा या नहीं.
वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि सरकार विदेशी संपत्तियों को बेचने और शेयरों में विनिवेश के लिए अन्य सरकारों से बात कर रही है. लेकिन सब कुछ रातों-रात नहीं हो जाएगा. वित्त मंत्री ने दावा किया कि 30 जून तक देश की विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति पाकिस्तान की आज की स्थिति से अभूतपूर्व बेहतर होगी.
आगे कुआं, पीछे खाई
आर्थिक संकट से उबरने के लिए पाकिस्तान सरकार पिछले आठ महीनों से कोशिश कर रही है. पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार दो एलएनजी बिजली संयंत्रों और सरकारी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों को बेचने पर विचार कर रही है.
इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार आईएमएफ कार्यक्रम को लेकर प्रतिबद्ध है. हालांकि, इशाक डार ने आईएमएफ के नियमों के विपरीत बयान देते हुए कहा कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे आम आदमी पर बोझ बढ़े. जबकि लोन कार्यक्रम को लेकर ही आईएमएफ ने नवंबर में पाकिस्तान सरकार को नसीहत देते हुए कहा था कि सरकार अपना खर्च कम करे, उसके बाद ही आईएमएफ लोन देगा.
आईएमएफ ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए 500 अरब रुपये के अतिरिक्त सर्कुलर लोन को समाप्त करने के साथ-साथ ऊर्जा कीमतों में वृद्धि और नए करों को लागू करने के लिए कहा है. अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो पाकिस्तान में महंगाई दर और भी बढ़ जाएगी. वर्तमान में पाकिस्तान में महंगाई दर 25 फीसदी है.
आईएमएफ कार्यक्रम के लिए जरूरी उपायों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए वित मंत्री इशाक डार ने कहा कि देश में महंगाई पहले से ही चरम सीमा पार कर चुकी है, इसलिए सरकार ने तीन बार ईंधन की कीमतों को कम किया. हम इन परिस्थितियों में देश पर और बोझ नहीं डाल सकते हैं. हालांकि, पाकिस्तान की सरकार को अच्छी तरह पता है कि अगर उसने आईएमएफ के कही बातें नहीं मानीं तो उसे कर्ज मिलना मुश्किल होगा.
डिफॉल्ट पाकिस्तान को पहुंचाता है नुकसानः पाक वित्त मंत्री
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान के लिए डिफॉल्ट शब्द का उपयोग बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सभी कर्ज का समय से भुगतान कर रही है.
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और महंगाई पर काबू पाना सरकार का मुख्य एजेंडा है लेकिन इसका कोई शॉर्टकट नहीं है. इसमें कुछ समय लगेगा.
इमरान खान को ठहराया दोषी
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को दोषी ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इमरान खान की सरकार ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग को कमजोर किया. सरकार की स्थिति ऐसी है कि सरकार यूरोबॉन्ड तक नहीं जारी कर सकती है.
उन्होंने कहा कि एक देश के रूप में हमें आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है. पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा कि 2016 में देश उड़ान भरने के लिए तैयार था लेकिन इमरान खान की राजनीति ने देश को पीछे धकेल दिया. इमरान खान को याहया खान से भी बदतर बताते हुए उन्होंने कहा कि इमरान खान ने पिछले चार वर्षों में सबकुछ नष्ट कर दिया.
गर्त में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान पिछले काफी समय से आर्थिक संकटों से जूझ रहा है. पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ ने भी पाकिस्तान को आर्थिक रूप से काफी नुकसान पहुंचाया. भयावह बाढ़ के कारण पहले से ही खराब अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हो गई.
पाकिस्तान के ऊपर बाहरी कर्ज भी बहुत ज्यादा है. आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आई.