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Saudi Arabia में लड़कियों के डांस पर हुआ बवाल, छोटी ड्रेस को लेकर भी लोगों ने जताई नाराजगी, होगी जांच

सऊदी अरब में सांबा डांसर्स का एक वीडिया वायरल हो रहा है जिसे लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. लोग कह रहे हैं कि अब देश में इस्लाम के नियमों का उल्लंघन हो रहा है. लोगों के गुस्से को देखते हुए स्थानीय सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं.

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एक सांबा नर्तकी (Representational Image- Reuters)
एक सांबा नर्तकी (Representational Image- Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सऊदी अरब में महिला डांसरों के कार्यक्रम को लेकर विवाद
  • सांबा डांसर्स का वीडियो हुआ वायरल
  • लोगों ने उठाए सरकार पर सवाल

इस्लामिक देश सऊदी अरब में एक कार्यक्रम में सांबा डांसरों को लेकर विवाद छिड़ गया है. छोटे कपड़ों में सांबा डांस ( सांबा ब्राजील का पारंपरिक डांस है) करते हुए महिलाओं का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसकी सऊदी अरब में खूब आलोचना हो रही है. लोगों की नाराजगी के बाद स्थानीय सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं.

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वीडियो पिछले हफ्ते से ही सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें तीन विदेशी सांबा डांसर्स सऊदी अरब के दक्षिणी शहर जाजान में एक व्यस्त सड़क पर नाचती दिख रही हैं. डांसर्स ने चमकीले नीले और गुलाबी रंग का सांबा ड्रेस पहना है और वो लोगों का अपने डांस से मनोरंजन करती दिख रही हैं.

सऊदी अरब में महिलाओं को लेकर एक सख्त इस्लामिक ड्रेस कोड है जिसके तहत उनका चेहरा ढका रहता है. महिलाओं को निर्देश हैं कि जब वो सार्वजनिक जगहों पर जाएं तो बुर्का पहनें. ऐसे में छोटे कपड़े पहने इन सांबा डांसर्स ने देश में विवाद खड़ा कर दिया है.

डांसर्स नाचते हुए स्थानीय लोगों से हाथ भी मिला रही थीं. ये डांसर्स जाजान विंटर फेस्टिवल में भाग लेने आई थीं.

सऊदी अरब में इस समय कई मनोरंजक कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा आयोजित किए जाते हैं. ये भी उसी तरह का एक कार्यक्रम था.

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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने महत्वाकांक्षी 'विजन 2030' के तहत इस तरह के मनोरंजन कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर अपने देश की अंतरराष्ट्रीय छवि में सुधार करने में जुटे हैं. क्राउन प्रिंस चाहते हैं कि दुनिया की नजर में सऊदी अरब की छवि रूढ़िवादी देश की ना हो और विदेशी निवेश बढ़े. 

लेकिन सांबा डांसर्स को लेकर लोगों की नाराजगी के बाद इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, सऊदी अरब के सरकारी टीवी चैनल अल अरबिया ने फेस्टिवल के फुटेज प्रसारित किए, लेकिन सांबा डांसर्स की तस्वीरों को धुंधला कर दिया. चैनल से बात करते हुए जाजान निवासी मोहम्मद अल-बजवी ने कहा, 'शो मनोरंजन के लिए हैं, न कि सभ्य तरीकों पर हमला करने, धर्म और सामाजिक नैतिकता के खिलाफ जाने के लिए.'

सोशल मीडिया पर भी भड़के लोग

सोशल मीडिया पर लोग काफी गुस्से में हैं. लोग कह रहे हैं कि सऊदी अरब, जो इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों का घर है, अब इस्लाम के सिद्धांतों से दूर हो रहा है. एक यूजर ने लिखा, 'हम भूल गए हैं कि हम एक मुस्लिम देश हैं और हमने नैतिकता का उल्लंघन शुरू कर दिया है जो कि ठीक नहीं है.'

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सऊदी के एक विश्लेषक अली अल-अहमद ने ट्वीट किया, 'यह एक उदाहरण है जिसे मैंने #WhiskyWahhabi कहा था. मैंने यह शब्द यह दिखाने के लिए गढ़ा है कि कैसे सऊदी किंग धार्मिक आधार पर पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के जश्न पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और ऐसे डांस की इजाजत दी जा रही है.'

दिसंबर में, एक संगीत समारोह की मेजबानी के बाद भी मोहम्मद बिन सलमान को देश के रूढ़िवादियों से इसी तरह की आलोचना का सामना करना पड़ा था. संगीत समारोह में हजारों पुरुषों और महिलाओं ने एक साथ नृत्य किया था. इस नृत्य को 'विशाल रेव पार्टी' कहकर इसकी आलोचना की गई थी.

आलोचना के बाद जजान की सरकार ने दिए जांच के आदेश

सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से को देखते हुए जजान के गवर्नर प्रिंस मोहम्मद बिन नासिर ने जांच का आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि पता लगाया जाए कि ये सांबा डांसर्स कैसे फेस्टिवल में आईं. हालांकि, सऊदी अरब सरकार के आलोचक सऊदी विद्वान सईद इब्न नासिर ने इस तरह की जांच की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए हैं.

उन्होंने समाचार वेबसाइट मिडिल ईस्ट आई से बात करते हुए कहा, 'वे फेस्टिवल में टॉपलेस डांसर्स को लाए... फिर प्रिंस मोहम्मद नासिर ने मामले की जांच के लिए एक आदेश जारी कर दिया. क्या तुम अल्लाह को धोखा दे रहे हो या उसके मानने वालों को धोखा दे रहे हो? क्या उन्हें ये लगता है कि लोग इस बात को भूल गए कि कैसे सऊदी पत्रकार जमाल खाशोज्जी को मारने के बाद  जांच के आदेश भी दे दिए?'

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जमाल खाशोज्जी सऊदी अरब सरकार के कटु आलोचक थे. वो अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के लिए काम करते थे. अक्टूबर 2018 में तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में खाशोज्जी की हत्या कर दी गई. इस हत्या का आरोप सऊदी के शाही परिवार पर लगता रहा है. 

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