पाकिस्तान में 11 मई को होने वाले चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए स्वनिर्वासन से नियोजित स्वदेश वापसी से महज कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को सउदी अधिकारियों ने ‘खतरे’ का हवाला देकर नहीं लौटने की सलाह दी है.
मुशर्रफ गुरुवार को सऊदी अरब पहुंचे जिसके बारे में उनकी पार्टी का कहना है कि वह उमरा करने एक दिन की यात्रा पर वहां गए है. वह 2009 के प्रारंभ में पाकिस्तान से चले गए थे और तब से वह लंदन और दुबई में रह रहे हैं.
न्यूज डेली के अनुसार मुशर्रफ के साथ चल रहे एक प्रतिनिधि का कहना है कि सऊदी अरब के अधिकारियों ने मुशर्रफ से कहा कि उन्हें पाकिस्तान लौटने के इरादे को स्थगित करने पर विचार करना चाहिए.
मुशर्रफ ने हाल ही में कहा था कि 24 मार्च को कराची जाने की उनकी मंशा है. प्रतिनिधि ने कहा, ‘सऊदियों को इस बात की चिंता है कि मुशर्रफ यदि अपनी योजना के अनुसार पाकिस्तान लौटते है तो अपने को खतरे के मुंह में डाल रहे है. पाकिस्तान की स्थिति खासकर आने वाले दिनों में मुशर्रफ के लिए बिल्कुल प्रतिकूल बनने वाली है.’
प्रतिनिधि ने कहा, ‘सऊदी अधिकारियों ने दुबई में मुशर्रफ के साथ बैठक की और उन्हें कहा कि सऊदी
अरब की सोच है कि उन्हें अपनी योजना की समीक्षा करनी चाहिए और भावुक नहीं होना चाहिए.’ मुशर्रफ के साथ अमेरिका और यूरोप से उनकी पार्टी आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी सऊदी अरब आए हैं.
विश्लेषकों का कहना है कि यदि मुशर्रफ रविवार को पाकिस्तान नहीं लौटते हैं तो उनकी पार्टी का समर्थन खत्म हो जाएगा और 11 मई के चुनाव में उसका बहुत बुरा प्रदर्शन रहेगा.
एपीएमएल के नेता आसिफ शाहजाद चौधरी ने कहा कि मुशर्रफ पाकिस्तान लौटने का मन बना चुके हैं और पीछे मुड़कर देखने का सवाल ही नहीं पैदा होता.
‘खतरे’ के बावजूद मुशर्रफ ने की पाकिस्तानी वापसी की पुष्टि
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने शुक्रवार को कहा कि वह मई में होने वाले एतिहासिक चुनाव में भाग लेने के लिए रविवार को घर वापस जाएंगे और वह अपनी जान का खतरा उठाने को भी तैयार हैं.
पाकिस्तान की अदालत द्वारा अग्रिम जमानत मंजूर किए जाने के कुछ ही घंटे बाद मुशर्रफ ने दुबई में ‘एएफपी’ से यह बात कही.
अदालत ने विभिन्न मामलों में मुशर्रफ को 10 दिन की जमानत देकर करीब पांच वर्ष के स्वनिर्वासन के बाद तुरंत गिरफ्तार होने के भय से मुक्त होकर घर वापस लौटने का रास्ता बना दिया है.
वर्ष 1999 में सत्ता पर कब्जा करने और वर्ष 2008 में राष्ट्रपति का पद छोड़ने वाले मुशर्रफ पाकिस्तान में हत्या की साजिश रचने और अवैध तरीके से न्यायाधीशों को गिरफ्तार करने के मामले में वांछित हैं.