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‘साइंस ऑफ थिंकिंग’ और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ हमें दोनों का मिश्रण चाहिए: नरेंद्र मोदी

जापान के विश्वविद्यालय में छात्रों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ‘साइंस ऑफ थिंकिंग’ और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ हमें इन दोनों का ही मिश्रण चाहिए. उन्होंने कहा, भारत भगवान बुद्ध की धरती है और हम अहिंसा में विश्वास रखते हैं. मोदी कहा, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी दुनिया ने भारत में अहिंसा की शक्ति को देखा है.

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नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी

जापान की राजधानी टोक्यो के एक विश्वविद्यालय में छात्रों से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत भगवान बुद्ध की धरती है और हम अहिंसा में विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भी दुनिया ने भारत में अहिंसा की शक्ति को देखा है. प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को जापान के सम्राट से मुलाकात करेंगे. शाम को वह विवेकानंद सेंटर जाएंगे.

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इससे पहले टोक्यो की सैक्रेड हार्ट यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे यहां महिलाओं का सम्मान किया जाता है और संविधान में ही महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा, इस वक्त हमारी कैबिनेट में 25 फीसदी महिलाएं हैं और देखिए न हमारी विदेश मंत्री एक महिला ही हैं. मोदी ने कहा, मैं खुद व्यक्तिगत तौर पर लड़कियों की शिक्षा पर जोर देता हूं.

उन्होंने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के नारे को याद करते हुए कहा कि हम तो हजारों सालों से मानते हैं कि पूरी दुनिया एक परिवार है. उन्होंने जापानी लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि भारत भगवान बुद्ध की धरती है और आप वहां आएं, आपका वहां स्वागत है. उन्होंने कहा, मुझे यहां आपके साथ बात करने का मौका मिला ये मेरे लिए सम्मान की बात है.

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मोदी ने छात्रों से बात करते हुए कहा ‘साइंस ऑफ थिंकिंग’ और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ हमें इन दोनों का ही मिश्रण चाहिए. उन्होंने भारत और जापान के संबंधों पर भी बात की और कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और जापान भी. उन्होंने कहा, दूसरों के बारे में सोचने की बजाए अगर हम अपने लिए सोचें तो यह तरीका हमें आगे ले जाएगा.

उन्होंने भारत के पर्यावरण से रिश्ते पर बात करते हुए कहा कि आप अगर मेरे भारत के बच्चों से बात करतें तो पाएंगे कि वे चांद को मामा और सूर्य को दादा कहते हैं. उन्होंने बताया, भारत में पेड़ों की पूजा की जाती है. मोदी ने कहा, प्रकृति के साथ छेड़छाड़ अपराध है, उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आप गाय से दूध तो निकाल सकते हैं लेकिन उसे मार नहीं सकते, क्योंकि आपको कल भी दूध पीना है. प्रधानमंत्री ने कहा ये दुखद है कि आज हमारी आदतें बदल गई हैं और इसके कारण जलवायु में भी परिवर्तन आया है. उन्होंने कहा, प्रकृति के साथ संवाद करने की जरूरत है न कि संघर्ष.

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