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'जयशंकर ने कम से कम...', SCO बैठक में विदेश मंत्री के बयान को लेकर डरा बैठा था पाकिस्तान! अब क्यों खुश

एससीओ की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का जिक्र तो किया लेकिन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया है. एससीओ की पिछली बैठक भारत में आयोजित की गई थी और इस बैठक के तुरंत बाद विदेश मंत्री ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को निशाने पर लिया था.

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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मिलते विदेश मंत्री एस जयशंकर
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मिलते विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर के एससीओ में दिए गए बयान से पाकिस्तान को कुछ हद तक राहत मिली है जिसकी झलक वहां की मीडिया में देखने को मिल रही है. पाकिस्तान इसी बात को लेकर गनीमत मना रहा है कि भारतीय विदेश मंत्री ने आतंकवाद पर बात करते हुए कम से कम पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया. पाकिस्तान में इस बात को लेकर भी खुशी जताई जा रही है कि अपने आक्रामक अंदाज के लिए मशहूर जयशंकर ने बहुत ही सकारात्मक रवैया दिखाया, उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से हाथ मिलाया, डिनर में पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार के साथ बैठे और उन्होंने दौरा खत्म होने के बाद पाकिस्तान को औपचारिकता के तौर पर ही सही लेकिन शुक्रिया अदा किया.

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पिछले साल आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की आलोचना से उलट इस साल विदेश मंत्री ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए व्यापक संदर्भ में आतंकवाद से मुकाबला करने की बात कही है. एससीओ शिखर सम्मेलन के अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा कि एससीओ का प्राथमिक लक्ष्य आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद का मुकाबला करना है.

उन्होंने कहा कि इन सबका मुकाबला करने के लिए ईमानदार बातचीत, विश्वास, अच्छे पड़ोसी और एससीओ चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता की जरूरत है.

विदेश मंत्री ने अपने एससीओ संबोधन में आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद को 'तीन बुराइयां' कहा और इनका मुकाबला करने के लिए दृढ़ संकल्पित होने के पर जोर दिया.

विदेश मंत्री ने एससीओ चार्टर के अनुच्छेद 1 का जिक्र करते हुए आगे कहा, 'इसका उद्देश्य आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी के रूप में संबंधों को मजबूत करना है. चार्टर में भी साफ तौर पर कहा गया है कि हमारे सामने बड़ी चुनौतियां कौन सा हैं-  हमारे सामने तीन चुनौतियां हैं जिनका मुकाबला करने के लिए एससीओ प्रतिबद्ध है- एक, आतंकवाद; दो, अलगाववाद; और तीन, उग्रवाद.' विदेश मंत्री ने सीधे-सीधे भले ही पाकिस्तान का नाम नहीं लिया था लेकिन पाकिस्तान को भारत का संदेश साफ तौर पर दिया.

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विदेश मंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से की चीनी प्रोजेक्ट की आलोचना 

अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को लेकर पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी साध लिया. 

उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप चीनी प्रोजेक्ट चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का मुद्दा उठाया. भारत चीन के इस प्रोजेक्ट को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है क्योंकि इसका कुछ हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.

एससीओ में विदेश मंत्री ने कहा कि एससीओ सदस्य देशों का सहयोग परस्पर सम्मान और समानता पर आधारित होना चाहिए. सभी देशों को क्षेत्रीय अखंडता और दूसरे देशों की संप्रभुता को मान्यता देना चाहिए. इसके लिए सही साझेदारी होनी चाहिए न कि एकतरफा एजेंडे पर आगे बढ़ा जाना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में व्यापार और व्यापारिक रास्तों के लिए अगर चुनिंदा ट्रेंड को ही बढ़ावा दिया जाएगा तो एससीओ की प्रगति नहीं हो पाएगी. 

विदेश मंत्री जयशंकर की किस बात से खुश हुआ पाकिस्तानी मीडिया

अपने संबोधन की शुरुआत में विदेश मंत्री ने एससीओ की अध्यक्षता के लिए पाकिस्तान को बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत ने सफल अध्यक्षता के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है. 

विदेश मंत्री के इस टिप्पणी को पाकिस्तान के डॉन न्यूज ने हैरान करने वाला कदम बताया है. एक रिपोर्ट में कहा गया, 'भारत के विदेश मंत्री ने एससीओ की अध्यक्षता के लिए पाकिस्तान को बधाई दी है.' 

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पाकिस्तान के न्यूज नेटवर्क जिओ न्यूज की एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पूर्व प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने विदेश मंत्री के बयान में आतंकवाद के जिक्र को लेकर कहा कि उन्होंने आतंकवाद का जिक्र करते हुए पाकिस्तान का नाम नहीं लिया.

एक्सपर्ट ने कहा, 'भारत के विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में उन्हीं बातों का जिक्र किया जो भारत की विदेश नीति के प्रमुख मुद्दे रहे हैं. उन्होंने आतंकवाद का जिक्र किया और वो भी एक व्यापक संदर्भ में. उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया और न ही ले सकते थे.'

'पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्तों के बिना...'

पाकिस्तान के जी न्यूज नेटवर्क के एंकर ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ में बेहद सकारात्मक रुख के साथ आए. नवाज शरीफ ने भी एक भारतीय पत्रकार से बात की है. पिछली बार एससीओ में भारत का बड़ा ही तल्ख रवैया देखने को मिला था...इस बार बहुत बदलाव आया है. एंकर ने अपने शो में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक इमरान याकूब खान ने सवाल पूछा कि इसकी वजह क्या है?

उन्होंने कहा, 'हम अपने 77 साल का इतिहास देखें तो ऐसा नहीं कि हमें उन जंग के बारे में भूल जाना चाहिए जो भारत ने हमारे साथ की हैं. लेकिन आपको ये भी सोचना होगा कि पड़ोसियों के साथ बिना अच्छे रिश्ते रखे आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं. अब तो कई पुराने दुश्मन दोस्त बनते जा रहे हैं'

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पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने भारत से तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए आगे कहा, 'भारत दुनिया में तेजी से तरक्की कर रहा है, दुनिया में उसकी एक बहुत बड़ी मार्केट है. मैं ये नहीं कहता कि पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति बदल गई है लेकिन इसमें एक बदलाव जरूर आया है, वो एक नई नीति पर काम कर रहे हैं. अब शायद सरकार ने सोचना शुरू कर दिया है कि नाराज रहने से काम नहीं चलेगा. अब दुनिया परस्पर लाभ की नीति पर चलती है.' 

जब बीते साल विदेश मंत्री ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को लताड़ा

साल 2023 में एससीओ की अध्यक्षता भारत ने की थी. मई के महीने में गोवा में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पहुंचे थे. बिलावल ने भारत में आकर कश्मीर का राग अलापा था. उसी साल भारत जी-20 की बैठकें भी आयोजित कर रहा था जिसकी एक बैठक श्रीनगर में आयोजित होनी थी.

22-24 मई के बीच टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक श्रीनगर में आयोजित करने को लेकर भारत आए बिलावल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, 'हम इसकी निंदा करते हैं और वक्त आने पर ऐसा जवाब देंगे जो याद रखा जाएगा. विवादित क्षेत्र में जी-20 की बैठक आयोजित करना भारत की संकीर्णता को दिखाता है. यह दुनिया को भारत का घमंड दिखाता है कि उसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों की बिल्कुल परवाह नहीं है.'

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उनके इस बयान पर विदेश मंत्री जयशंकर ने तीखा पलटवार करते हुए था कि हम इस बारे में किसी ऐसे मुल्क से बात नहीं कर सकते जो इसका हिस्सा नहीं है. जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और रहेगा.

इसके साथ ही उन्होंने बिलावल भु्ट्टो को 'आतंक की इंडस्ट्री का प्रवक्ता' कह दिया था. उन्होंने कहा था कि आतंक के पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ बैठकर बातचीत नहीं कर सकते.

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