
स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो में दो भारतीय पुरुषों को ‘संदिग्ध इमीग्रेशन अपराध’ के सिलसिले में हिरासत में लिया गया. आठ घंटे तक इन्हें छोड़ने की मांग को लेकर सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. एक मानवाधिकार वकील के दखल देने के बाद दोनों को रिहा कर दिया गया. इन दोनों की पहचान सुमीत सहदेव और लखवीर सिंह के तौर पर हुई है. दोनों दस साल से यूनाइटेड किंगडम में रह रहे हैं. सुमीत शेफ हैं और लखवीर मैकेनिक का काम करते हैं. दोनों की उम्र 30 से ऊपर है.
बता दें कि इमीग्रेशन एनफोर्समेंट से जुड़े 6 अधिकारी स्कॉटलैंड पुलिस के साथ ग्लासगो के पोलोकशील्ड्स इलाके में गुरुवार को पहुंचे. दोनों को घर से निकाल कर वैन में बिठाकर जब ले जाया जा रहा था, उसी वक्त उन्हें छुड़ाने के लिए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने वैन को घेर लिया. लीसेस्टर ईस्ट से लेबर पार्टी सांसद क्लॉडिया वेब्बी ने ट्वीट में इस मौके का वीडियो अपलोड किया है. उन्होंने साथ ही लिखा कि ये वो लम्हे हैं, जब लोगों की ताकत ने सुमीत सहदेव और लखवीर सिंह को छोड़ने के लिए मजबूर किया. दोनों ईद पर होम ऑफिस इमीग्रेशन की रेड के बाद हिरासत में लिए गए थे. एकता और मानवता की ताकत के साथ ग्लासगो के लोग इकट्ठा हुए.
नाटिंघम ईस्ट से लेबर पार्टी सांसद नादिया व्हिटोम ने भी इस घटना के वीडियो के साथ ट्वीट किया. नादिया ने ट्वीट में लिखा- ऐसी होती है दिखने में एकजुटता. होम ऑफिस ने ईद पर दो मुस्लिम लोगों पर रेड की तो ग्लासगो के लोगों ने अपने पड़ोसियों को छुड़ा लिया. किसी को अपने से ये मत कहने दीजिए कि डायरेक्ट एक्शन काम नहीं करता. हालांकि नादिया ने अपने ट्वीट में सुमीत सहदेव और लखबीर सिंह को गलती से मुस्लिम बताया है.
लखवीर सिंह ने बताया कि जब ऑफिसर्स उन्हें हिरासत में लेकर वैन में ले जा रहे थे तो बहुत डर लग रहा था. लखवीर सिंह ने पड़ोसियों के एकजुट होकर समर्थन देने के लिए शुक्रिया जताया. सोशल मीडिया पर इस घटना के वीडियो की भरमार है. इनमें प्रदर्शनकारियों को ये नारे लगाते देखा जा सकता है –‘हमारे पड़ोसियों को छोड़ो’, ‘उन्हें जाने दो’, ‘पुलिस वापस जाओ.’
स्कॉटलैंड में सिख समुदाय ने एक बयान में कहा कि ये बहुत चिंता वाला मामला है. बयान में होम ऑफिस से आग्रह किया गया कि जबरन हटाने जैसे कदमों की जगह मानवाधिकार, करुणा और गरिमा के आधार पर इमिग्रेशन पॉलिसी को अपनाया जाए. जिस इलाके में सुमित सहदेव और लखवीर सिंह रहते थे, वहां मुस्लिमों की खासी आबादी है. होम ऑफिस ने रेड के लिए ईद का दिन चुना जो मुस्लिमों का सबसे बड़ा त्योहार होता है.
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होम ऑफिस ने एक बयान में कहा कि ‘ऑपरेशन संदिग्ध इमीग्रेशन अपराध के सिलसिले में किया गया था.’ स्कॉटलैंड पुलिस के मुताबिक उसे सुरक्षा, जन स्वास्थ्य और बेहतरी के लिए ऑपरेशनल फैसला लेना पड़ा. दोनों व्यक्तियों को जमानत पर रिहा किया गया और वे अपने परिवारों के पास लौट गए. पाकिस्तान मूल के वकील आमेर अनवर ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा कि होम ऑफिस की ओर से ईद के दिन ऐसा करना उकसावे वाला कदम था, वो ऐसे लोगों की परवाह नहीं करते, लेकिन ग्लासगो के लोग करते हैं. रिहा होने के बाद सुमीत और लखवीर अनवर के साथ एक स्थानीय मस्जिद की ओर बढ़े. सड़क पर सैकड़ों लोगों ने तालियां बजाते उनका स्वागत किया. उन्होंने हाथ में तख्तियां भी ले रखी थी-“शरणार्थियों का स्वागत है.”.