लापता मलेशियाई विमान के हिंद महासागर के दक्षिणी हिस्से में दुर्घटनाग्रस्त होने की पुष्टि के बाद अब खोजकर्ता उसके ब्लैक बॉक्स की तलाश में जुट गए हैं जिससे उसके दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण का पता चल सके.अगर प्लेन की बैट्री खत्म होने से पहले ब्लैक बॉक्स नहीं मिला तो एक्सिडेंट की वजह का पता लगा पाना नामुमकिन होगा. उधर खराब मौसम की वजह से सर्च ऑपरेशन रोक दिया गया है.
मलेशियाई एयरलाइंस के विमान MH370 के लापता होने के 17 दिनों बाद उसके क्रैश होने की पुष्टि के बाद खोजकर्ता प्लेन के ब्लैक बॉक्स को उसकी बैट्री खत्म होने से पहले खोजने में लग गए हैं. कानूनन ब्लैक बॉक्स को किसी दुर्घटना के कम से कम 30 दिन बाद तक ऐसे संकेत भेजने चाहिए जिससे उसकी स्थिति का पता चल सके. अगर ब्लैक बॉक्स नहीं मिला तो एक्सिडेंट के कारणों का पता लगा पाना नामुमकिन होगा. ब्रिटिश सैटेलाइट कंपनी ने हिंद महासागर के पास प्लेन के क्रैश होने की पुष्टि की है. फिलहाल कई देशों के विमान प्लेन के मलबे को खोज रहे हैं.
अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड के पूर्व सदस्य जॉन गोगलिया ने कहा कि खोजकर्ता ब्लैक बॉक्स के संकेत पकड़ने के लिए अमेरिकी नौसेना के उच्च तकनीक वाले उपकरण का इस्तेमाल करेंगे. यह उपकरण 30 इंच लंबा बेलन की आकार का माइक्रोफोन है जिसे एक पोत के माध्यम से पानी में डालकर संकेत पकड़ने का प्रयास किया जाता है. यह उपकरण औसतन एक मील की दूरी से ब्लैक बॉक्स के संकेत पकड़ सकता है.
बहरहाल ब्लैक बॉक्स की बैट्री समाप्त होने तक यह उसके संकेत नहीं हासिल किए गए तो जांच में जुटी टीम साइड स्कैन सोनर नाम के एक उपकरण का इस्तेमाल करेंगे जो महासागर की सतह का एक्सरे कर सकता है. इससे विशेषज्ञों को महासागर की सतह में किसी ऐसी असामान्य वस्तु का पता चल सकता है जो समुद्र से जुड़ी नहीं हो.
खराब मौसम ने रोका खोजी अभियान
मलेशिया के लापता विमान की खोज से जुड़े अभियान को खराब मौसम की वजह से रोक दिया गया है. ये जानकारी,ऑस्ट्रेलियन मैरिटाइम सेफ्टी ऑथोरिटी (एएमएसएस) की वेबसाइट पर जारी की गई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मौसम अनुकूल होने पर अभियान दोबारा शुरू किया जाएगा. एएमएसए का कहना है मंगलवार शाम और अगले कुछ दिनों तक मौसम में सुधार की संभावना है.
गौरतलब है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक ने सोमवार को कहा था कि लापता विमान (उड़ान संख्या एमएच370) दुर्घटनाग्रस्त होकर दक्षिणी हिंद महासागर में डूब गया. रज्जाक ने कहा कि यूके एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच और सेटेलाइट आंकड़ा उपलब्ध कराने वाली ब्रिटिश कंपनी इनमारसत इस नतीजे पर पहुंची है.