पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने 'आजतक' के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में नई सरकार, फौजी नीति और आतंकवाद से जुड़े सवालों के खुलकर जवाब दिए. जब उनसे पूछा गया कि आप कब पाकिस्तान जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि वो अपने मुल्क जरूर जाएंगे. अब समय आ जाएगा और माहौल बन रहा है.
जेल जाने से डर के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैंने जंग लड़ी है और मैं जेल जाने से नहीं डर रहा हूं.' जब उनसे पूछा गया कि अगर पाकिस्तान की आवाम आतंकवाद और आतंकियों को नकार सकती है, तो आपको इससे डर क्यों है? आपकी फौज और पाकिस्तान के हुक्मरानों को इससे डर क्यों लग रहा है? इसके जवाब में पूर्व तानाशाह मुशर्रफ ने कहा, 'जनता का फैसला सबको स्वीकार्य है. सवाल ये है कि ये आतंकी कौन हैं? हम इनको मुजाहिद्दीन कहते हैं. हाफिज सईद को हम मुजाहिद कहते हैं और उसकी फोर्स (लश्कर-ए-तैयबा) को मुजाहिद्दीन कहते हैं.'
श्वेता सिंह के सवाल का जवाब देते हुए मुशर्रफ ने कहा, 'हम हाफिज सईद को आतंकी नहीं मानते हैं. उसको भारत आतंकी मानता है.' जब मुशर्रफ से कहा गया कि अगर दुनिया में कहीं पर भी आतंकवादी हमले होते हैं, तो उसको अंजाम देने वाले पाकिस्तानी होते हैं या फिर पाकिस्तान से ट्रेनिंग लिए होते हैं. इस पर उन्होंने उलटा ही नया आरोप जड़ दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि दुनिया में पाकिस्तान को आतंकवाद के नाम पर भारत बदनाम करता है.
इस दौरान उन्होंने कश्मीर को दोनों देशों के बीच बड़ी समस्या बताया. जब उनसे कहा गया कि भारत की शर्त सिर्फ यह है कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को रोकने के बाद ही इस मुद्दे पर बातचीत की जाएगी. इस पर उन्होंने कहा कि भारत जिनको आतंकवादी समझता है, उनको हम मुजाहिद मानते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान में हमला करने वाले भी मुजाहिद हैं, तो उन्होंने कहा कि नहीं, पाकिस्तान में हमला करने वाले आतंकवादी हैं.
इमरान खान के सत्ता में आने से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधरने की उम्मीद के सवाल पर उन्होंने कहा कि इमरान खान ने अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही साफ संकेत दे दिया है कि वो दोनों देशों के रिश्ते सुधारने के पक्ष में हैं. इस दौरान परवेज मुशर्रफ ने यह भी कहा कि हम भारत से छोटे हैं और हिंदुस्तानी फौज की संख्या पाकिस्तान से ज्यादा है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या इमरान खान के सामने प्रशासन चलाने में अनुभव की कमी आड़े आएगी, तो उन्होंने कहा, 'वो सीखेगा. मैंने भी जब सत्ता की कमान संभाली थी, तो सिर्फ सेना के तौर तरीके जानता था, लेकिन प्रशासन चलाना नहीं जानता था. मैं एजुकेशन सिस्टम नहीं जानता था, उसको मैंने सीखा. उनकी नियत अच्छी है और वो आवाम की खुशहाली के लिए काम करेंगे.'
मुशर्रफ से जब पूछा गया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से गुजर रही है और विदेशी मुद्रा भंडारण खत्म होने वाला है, तो इस चुनौती से इमरान खान कैसे निपटेंगे? इस पर उन्होंने कहा, 'जब मैं सत्ता में आया था, तब विदेशी मुद्रा भंडारण 300 मिलियन था, लेकिन उस समय भी हमने बेहतर किया.'
आपको बता दें कि 'सीधी बात' आजतक का खास कार्यक्रम है, जिसे मशहूर एंकर श्वेता सिंह होस्ट करती हैं. इसमें देश-दुनिया के जाने-माने चेहरों का ज्वलंत मुद्दों पर इंटरव्यू लिया जाता है. अपने नाम की तरह इस कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों से खरे अंदाज में सीधे सवाल पूछे जाते हैं.