इराक की राजधानी बगदाद सोमवार को सीरियल कार ब्लास्ट से थर्रा उठी. ब्लास्ट के चलते यहां कम से कम 66 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए. ये ब्लास्ट राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में पार्क की गई कारों में हुए. ये सभी इलाके शिया बाहुल्य हैं. गौरतलब है कि इराक में हिंसा की एक बड़ी वजह शिया और सुन्नी संप्रदायों के बीच होने वाला टकराव है.
किसी भी उग्रवादी संगठन ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी नहीं ली है, मगर सिक्युरिटी एक्सपर्ट का अनुमान है कि यह अल-कायदा की इराकी विंग का काम है. इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक नाम से काम कर रहे इस संगठन ने ज्यादातर धमाके कार बम के जरिए ही की हैं. इन धमाकों का मकसद शियाओं के नेतृत्व में मुल्क में चल रही अल कादरी सरकार को अस्थिर करना है. गौरतलब है कि इस महीने अब तक 450 लोग हिंसा के शिकार हो चुके हैं. दिसंबर 2012 में अमेरिकी फौजों के जाने के बाद से इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ है.
अब तक ज्यादातर हमले सैन्य टुकड़ियों पर होते थे, मगर शिया-सुन्नियों के बीच नए सिरे से शुरू हुए संघर्ष के बाद रिहाइशी इलाकों को भी निशाना बनाया जाने लगा है. सोमवार को हुए ज्यादातर ब्लास्ट बाजारों में हुए. इसके चलते मरने वालों और घायलों में ज्यादातर आम लोग हैं.