इराक में विभिन्न शहरों में करीब एक दर्जन हमलों में रविवार को कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. इन हमलों के कारण लोगों को एक दशक पहले वाली साम्प्रदायिक हत्याओं के दौर के वापस लौटने का डर सताने लगा है.
हाल के महीनों में इराक में हिंसा की घटनाओं में तेजी से वद्धि हुई है. अप्रैल से करीब 2000 लोग मारे गए हैं. जबकि सिर्फ इसी महीने में 170 से ज्यादा लोगों की जान गई है.
ज्यादातर कार बमों का हमला शिया बहुसंख्यक इलाकों में हुआ जिनमें सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. देश के दक्षिण और मध्य हिस्से में आधा दर्जन शहरों और कस्बों में विस्फोट हुए हैं.
बहरहाल, किसी भी हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है.
पुलिस के मुताबिक कुत में एक औद्योगिक इलाके में रविवार सुबह हुए कार बम हमले में एक कार को विस्फोट कर उड़ा दिया गया जिसमें छह लोग मारे गए और 15 लोग घायल हो गए. इसके बाद शहर में एक निर्माण स्थल पर एक अन्य कार बम विस्फोट हुआ जिसमें पांच लोग मारे गए और 12 लोग घायल हो गए.
पुलिस ने बताया कि तेल बहुल क्षेत्र बसरा में भी एक कार बम विस्फोट हुआ. इस घटना में कुल छह लोगों की मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि इसके दो घंटे बाद नासीरया शहर में दो कार को विस्फोट कर उड़ा दिया गया जिसमें दो व्यक्ति की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए.
नजफ शहर में भी विस्फोट हुए जहां आठ लोग मारे गए और 28 लोग घायल हो गए.
हिलाह, महमूदिया और मादैन में हुए विस्फोटों में कुल सात लोग मारे गए. तुज खोरमातो शहर में हुए विस्फोटों में दो पुलिसकर्मी मारे गए.