आर्थिक संकटों में फंसे पाकिस्तान में चुनाव के बाद अब तक नई सरकार का गठन नहीं हो सका है. शहबाज शरीफ देश के अगले प्रधानमंत्री बनने वाले हैं लेकिन गठबंधन में कुछ मुद्दों पर बात नहीं बन पाई है. उन्होंने सभी दलों को अपना हित छोड़कर देशहित में साथ आने की अपील की है, ताकि देश को आर्थिक संकटों से निकाला जा सके. साथ ही उन्होंने भाई के कार्यकाल की तुलना 'स्वर्ण युग' से की.
शहबाज शरीफ, तीन बार के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की अगुवाई वाली संभावित गठबंधन सरकार के जॉइंट कैंडिडेट हैं. आने वाले दिनों में वह पाकिस्तान के अगले और दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इमरान खान को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद वह अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक प्रधानमंत्री रहे थे.
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'गरीबी, बेरोजगारी दूर करने के लिए साथ काम करें'
शहबाज शरीफ ने कहा, "आर्थिक स्थिरता के लिए, सभी मतभेदों को दूर रखना होगा. देश में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता के लिए आपसी एकता की जरूरत पहले कभी इतनी महसूस नहीं की गई थी." उन्होंने कहा कि देश से गरीबी, बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक साथ काम करने की जरूरत है. ज्यादा से ज्यादा रिसोर्सेज को लोगों की भलाई के लिए लगाने की जरूरत है.
'देश में शांतिपूर्ण माहौल बनाने की जरूरत'
शहबाज शरीफ, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशों के लिए देश में राजनीतिक स्थिरता और शांतिपूर्ण माहौल बनाने की जरूरत है. शहबाज ने कहा, "पाकिस्तान तभी समृद्ध होगा जब उसकी सभी इकाइयां समृद्ध होंगी."
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IMF के कर्ज से अपना खर्च चला रहा पाकिस्तान
आर्थिक संकटों से घिरा पाकिस्तान विदेशी संस्थानों से कर्ज लेकर अपना खर्च चला रहा है. इंटरनेशनल मोनेट्री फंड से उसे तीन अरब डॉलर का लोन मिला है, जिसमें इसी साल जनवरी में 700 मिलियन डॉलर की दूसरी किश्त मिली हैं. शहबाज ने अपने भाई नवाज के तीन बार के कार्यकाल स्वर्ण युग बताया. नवाज शरीफ चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, लेकिन गठबंधन दल उन्हें पीएम बनाने के पक्ष में नहीं हैं.