एबोटाबाद में ओसामा बिन लादेन के गुप्त ठिकाने का पता लगाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की मदद करने के लिए 33 साल की जेल की सजा काट रहे पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी को इस महीने रिहा किया जा सकता है. अधिकारियों ने उनकी सजा में 10 साल माफ कर दिए हैं.
पाकिस्तान के एबोटाबाद में दो मई 2011 को सीआईए ने आतंकी संगठन अलकायदा चीफ बिन लादेन के गुप्त ठिकाने पर कार्रवाई कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. 2011 के आखिर में डॉक्टर अफरीदी को गिरफ्तार कर लिया गया था और 2012 में उन्हें 33 साल जेल की सजा सुनायी गयी थी.
अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर अफरीदी को रिहा करने के लिए दबाव डालता रहा है. अफरीदी की सजा में कई साल की माफी दी जा चुकी है. उनके वकील कमर नदीम ने बीबीसी उर्दू सेवा से कहा कि अफरीदी इस महीने अपनी सजा पूरी कर लेंगे.
पाकिस्तानी अखबार की खबर के मुताबिक उन्होंने बताया कि अफरीदी को चार अलग-अलग आरोपों में कुल 33 साल की जेल की सजा दी गयी थी, हालांकि याचिका मंजूर किए जाने के बाद सजा में 10 साल कम कर दिए गए. नदीम के मुताबिक अफरीदी की कुल सजा और माफी को ध्यान में रखा गया तो वह इस महीने रिहा किए जा सकते हैं. खबर के अनुसार ऐसी संभावनाएं हैं कि रिहा होने के बाद अफरीदी अमेरिका जाकर वहां स्थायी रूप से बस सकते हैं.
जेल में क्यों कैद हैं शकील?
शकील अफरीदी पर एक फर्जी टीकाकरण अभियान के जरिए लादेन के बारे में गुप्त सूचना अमेरिकी नेवी सील्स अभियान को मुहैया कराने का आरोप है. इस अभियान में अल कायदा प्रमुख को इस्लामाबाद के नजदीक एबोटाबाद में मार दिया गया था. शकील को CIA से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन पर एक प्रतिबंधित धार्मिक संगठन लश्कर-ए-इस्लाम से भी संबंध रखने का आरोप है.