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'इमरान खान जेल से बाहर आ सकते हैं अगर वो...', पूर्व पाक PM की रिहाई पर क्या बोले शहबाज के एडवाइजर

राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि अगर पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान 9 मई 2023 की घटनाओं के लिए पूरी ईमानदारी से माफी मांगते हैं, तो उनकी रिहाई संभव हो सकती है. इस दिन इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था.

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पूर्व पाक पीएम इमरान खान
पूर्व पाक पीएम इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि अगर पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक इमरान खान 9 मई 2023 की घटनाओं के लिए पूरी ईमानदारी से माफी मांगते हैं, तो उनकी रिहाई संभव हो सकती है. इस दिन इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था.

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पूर्व और वर्तमान सरकारों ने इन दंगों के लिए PTI को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि पार्टी इन आरोपों को लगातार नकारती रही है. पाकिस्तान के न्यूज चैनल जियो न्यूज के कार्यक्रम 'जिरगा' में बातचीत के दौरान राणा सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान खान ने देश को राजनीतिक संकट में धकेल दिया था, यह सोचकर कि वह क्रांति ला सकते हैं. लेकिन, उन्होंने साफ शब्दों में कहा, 'यहां केवल राजनीतिक संघर्ष से ही जीत हासिल की जा सकती है, क्रांति की कोई संभावना नहीं है.'

क्या इमरान की रिहाई संभव?
 
उन्होंने PTI के इस्लामाबाद की ओर मार्च (24-26 नवंबर 2024) का हवाला देते हुए कहा कि इमरान खान के मौजूदा तरीकों से कोई सफलता नहीं मिल सकती. जब उनसे पूछा गया कि क्या इमरान खान की रिहाई संभव है, यदि वह 9 मई की हिंसा पर माफी मांगते हैं, तो उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर वह माफी मांगते हैं, तो बातचीत आगे बढ़ सकती है या हम बातचीत कर सकते हैं.'

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'कोर्ट रिहा करेगा तो कोई आपत्ति नहीं'

इससे पहले राणा सनाउल्लाह ने कहा था कि अगर अदालत इमरान खान को रिहा करती है तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी. गौरतलब है कि इमरान की पार्टी PTI, सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद, विपक्षी दलों के साथ मिलकर सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रही है.
 
इस आंदोलन का उद्देश्य संविधान और कानून के शासन की बहाली और राजनीतिक कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करना है. राणा सनाउल्लाह के बयान ऐसे समय में आए हैं जब पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना है, जिससे देश में और अधिक ध्रुवीकरण देखने को मिल सकता है.

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