scorecardresearch
 

शेख हसीना का प्रत्यर्पण बांग्लादेश सरकार की पहली प्राथमिकता, बोले मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव

मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, शेख हसीना का प्रत्यर्पण बांग्लादेश सरकार की पहली प्राथमिकता है. हम अपनी कोशिशों को जारी रखेंगे, ताकि उन पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा चलाया जा सके. उन्होंने कहा कि फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चला है  हसीना ने अपने कार्यकाल के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध किए थे.

Advertisement
X
मोहम्मद यूनुस. (फाइल फोटो)
मोहम्मद यूनुस. (फाइल फोटो)

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत से प्रत्यर्पण ढाका की सर्वोच्च प्राथमिकता है. मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने मीडिया ब्रीफिंग में ये बातें कहीं हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा कि हसीना को प्रत्यर्पित करने के अपनी कोशिशों को जारी रखेगा ताकि उन पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा चलाया जा सके. ये अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

उन्होंने कहा कि यह बांग्लादेश के लोगों और राजनीतिक दलों पर निर्भर है कि वे तय करें कि उनकी "फासीवादी" अवामी लीग राजनीति जारी रख पाएगी या नहीं, लेकिन हत्याओं, जबरन गायब किए जाने और अन्य गलत कामों में कथित रूप से शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.

फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट का किया जिक्र

प्रवक्ता ने कहा कि पिछले हफ्ते जारी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चला है कि हसीना ने अपने कार्यकाल के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध किए थे.

सरकारी बांग्लादेश संगबाद संस्था (बीएसएस) ने उनके हवाले से कहा, 'संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट और अधिकार ग्रुप की कुछ रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद हसीना को बांग्लादेश वापस लाने के लिए भारत पर दबाव डाला गया है.'

Advertisement

बांग्लादेश के विदेश कार्यालय ने पहले कहा था कि उन्होंने उन्हें वापस भेजने के लिए एक राजनयिक नोट भेजा है और नई दिल्ली ने बिना किसी विस्तार के इसकी प्राप्ति को स्वीकार कर लिया है.

5 अगस्त, 2024 को छोड़ा देश

हसीना 5 अगस्त, 2024 को छात्रों के नेतृत्व वाले सामूहिक विद्रोह के बाद अपनी लगभग 16 साल पुरानी अवामी लीग सरकार को गिराए जाने के बाद  देश छोड़कर भारत चली गई थीं.

अंतरिम सरकार ने शेख हसीना, उनकी कैबिनेट और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर मानवता के खिलाफ अपराध करने, सामूहिक हत्या करने और लोगों के जबरन गायब होने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके बाद अवामी लीग के अधिकांश नेता और अधिकारी अब मुकदमे का सामना कर रहे हैं और जेल में हैं या देश छोड़कर भाग गए हैं.

आलम ने ये टिप्पणी शेख हसीना के उस बयान के बाद की है. जिसमें उन्होंने यूनुस पर आरोप लगाया था कि वह बांग्लादेश को ‘आतंकवादी हब’ में तब्दील कर रहा है और पिछले साल हुई अशांति के दौरान मारे गए कुछ पुलिसकर्मियों की विधवाओं और बच्चों के साथ वर्चुअल बातचीत में इस अराजकता की स्थिति में उजागर कर रहा है.

शेख हसीना ने घर लौटने का लिया संकल्प

हसीना ने घर लौटने और हमारे पुलिसकर्मियों की मौत को चुनौती देने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार को गिराया गया तो वह भी बाल-बाल बच गईं. उन्होंने कहा कि भगवान ने उन्हें निश्चित रूप से मुझे कुछ अच्छा करने के लिए जिंदा रखा है.

Advertisement

इससे पहले 5 फरवरी को अपदस्थ प्रधानमंत्री ने वर्चुअली अपनी पार्टी की छात्र इकाई छात्र लीग को संबोधित किया था. उनकी बैठक की जानकारी आने के बाद उनके पैतृक घर और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के घर को भीड़ ने ध्वस्त कर दिया था.

भीड़ ने 32 धान मंडी हाउस को ध्वस्त करने के लिए उत्खननकर्ताओं का इस्तेमाल किया, जो कि 15 अगस्त, 1975 को अपेक्षाकृत जूनियर सैन्य अधिकारियों के एक समूह द्वारा तख्तापलट में उनके परिवार के अधिकांश सदस्यों के साथ मारे गए नेता के नाम पर स्मारक संग्रहालय था.

इसके बाद भीड़ ने देश भर में अवामी लीग के नेताओं के घरों और प्रतिष्ठानों पर लगभग एक साथ हमला किया, जो अगले तीन दिनों तक जारी रहा.

Live TV

Advertisement
Advertisement