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'20 साल से कर रहा था मर्डर की प्लानिंग', जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे को गोली मारने वाले का कबूलनामा

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे (Shinzo Abe) को गोली मारने वाला फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है. उससे पूछताछ जारी है. इसमें उसने कई खुलासे किये हैं.

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शिंजो आबे को चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारी गई थी
शिंजो आबे को चुनाव प्रचार के दौरान गोली मारी गई थी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिंजो आबे को 8 जुलाई को गोली मारी गई थी
  • शिंजो आबे उस दौरान चुनाव का प्रचार कर रहे थे

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या के आरोपी का नया कबूलनामा सामने आया है. पता चला है कि वह 20 साल से ऐसे हमले की तैयारी कर रहा था. सारा गुस्सा एक ईसाई धार्मिक संगठन को लेकर था. हत्यारा चाहता था कि उस धार्मिक संगठन को कड़ी चोट पहुंचाई जाए. हमले के लिए वह पिछले एक साल से बंदूक और गोली बनाना सीख रहा था.

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आरोपी के पिता के भाई (अंकल) ने जापानी मीडिया को बताया है कि जिस धार्मिक संगठन Unification Church से हत्यारा तेतसुया यामागामी (Tetsuya Yamagami) नाराज था, उससे उसकी मां जुड़ी थी. यामागामी की मां ने Unification Church को करीब 100 मिलियन युआन (जापानी करेंसी) दान कर चुकी थी. भारतीय रुपये में यह रकम 5 करोड़ से भी ज्यादा बैठती है.

दिवालिया होने के बावजूद Unification Church को पैसे देती रही मां

41 साल के तेतसुया यामागामी को लगता था कि शिंजो आबे Unification Church से जुड़े हैं और उसी संगठन की वजह से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हुई है. आरोपी के अंकल ने बताया कि परिवार की जमीन बेचकर भी जो पैसा आया था उसको मां ने Family Federation for World Peace and Unification को दान कर दिया था. इसे ही Unification Church के नाम से भी जाना जाता है. इतना ही नहीं 2002 में दिवालिया होने के बावजूद महिला संस्था को छोटी-मोटी राशि दान करती रही थी.

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पता चला है कि यामागामी के पिता ने 1984 में सुसाइड कर लिया था. इसके बाद 1991 में उन्होंने चर्च को ज्वाइन किया था और अबतक उससे जुड़ी हैं. अंकल के मुताबिक, यामागामी का परिवार इसलिए ही गरीब हुआ क्योंकि उन्होंने हद से ज्यादा डोनेशन की. पैसों की कमी की वजह से बाद में यामागामी को कॉलेज तक छोड़ना पड़ा था.

बीमे की रकम के लिए सुसाइड करना चाहता था

अंकल के मुताबिक, यामागामी परेशान रहने लगा था. मरीन सेल्फ डिफेंस फोर्स में काम करने के दौरान 2005 में उसने सुसाइड की कोशिश भी की थी. वह चाहता था कि उसके मरने के बाद बीमे का जो पैसा मिले वह उसके भाई और बहन के काम आ जाए.

दो बार हमले की कोशिश की

जानकारी के मुताबिक, परिवार के दिवालिया होने के बाद यामागामी चाकू लेकर Unification Church के दफ्तर भी पहुंचा था. फिर तीन साल पहले उसने Unification Church चर्च के नेता पर बम से हमला करने का प्लान बनाया था. जब वह नेता साउथ कोरिया से जापान आया था लेकिन सफल नहीं हो सका.

जांच एजेंसियों को आरोपी ने बताया है कि उसे जानकारी मिली थी कि चर्च के पूर्व पीएम Nobusuke Kishi से संपर्क हैं. वह आबे के दादा थे. उसके बाद उसने एक वीडियो देखा. यह वीडियो आबे द्वारा चर्च से जुड़े एक सदस्य को भेजा गया था. उसमें आबे ने कहा था कि कोविड की वजह से Unification Church के नेता जापान नहीं आ रहे हैं. इसके बाद आरोपी ने आबे को अपना निशाना बनाने की ठान ली थी.

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