आप इस खबर को पढ़कर गुस्से से भर जाएंगे. मेक्सिको की एक महिला की फोटो ने इंटरनेट पर तूफान खड़ा कर एक नई बहस को जन्म दे दिया है. आपको बता दें कि महिला प्रेग्नेंट थी, लेकिन एक क्लीनिक ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया. ऐसे में महिला ने अस्पताल के लॉन में बच्चे की डिलीवरी की.
वहां से गुजर रहे एक शख्स ने इस हैरान कर देने वाले मंजर को अपने कैमरे में कैद कर लिया. तस्वीर में दिख रही महिला का नाम इरमा लोपेज है. उसके चेहरे से दर्द साफ तौर पर झलक रहा है और उसका नवजात बच्चा जमीन पर पड़ा हुआ है. वहीं, सरकार ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर अद्रियान क्रूज को सस्पेंट कर जांच के आदेश दे दिए हैं.
तीन बच्चों की मां लोपेज कहती हैं कि वो डिलीवरी के लिए 2 अक्टूबर को अपने पति के साथ गांव के रूरल हेल्थ सेंटर गईं थीं, लेकिन वहां की नर्स ने उन्हें यह कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया कि वो अभी सिर्फ 8 महीने की प्रेग्नेंट हैं और डिलीवरी के लिए तैयार नहीं हैं.
दंपति को स्पैनिश नहीं आती थी और वे ज्यादा समझ नहीं पाए कि नर्स आखिर कह क्या रही है. उन्हें सिर्फ 'नहीं' शब्द समझ में आया और वे वहां से बाहर आ गए. नर्स ने इस विवाद के लिए भाषाई दिक्कत को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि उनके पास स्टाफ की कमी थी इसलिए वे महिला का इलाज करने में असमर्थ थे.
जब अस्पताल ने लोपेज को भर्ती करने से इनकार कर दिया तो उसके डेढ़ घंटे बाद महिला की एमनियोटिक थैली फट गई. आपको बता दें कि बच्चे के जन्म से पहले ही यह थैली अपने आप फट जाती है, जिसे 'वॉटर ब्रेकिंग' कहा जाता है. लोपेज को आभास हो गया था कि अब बच्चे के जन्म का समय आ गया है. वह क्लीनिक के बाहर ही बैठ गई. उसने घास को मुट्ठी में पकड़ा और पुश करना शुरू कर दिया.
लोपेज के मुताबिक, 'मैं इस तरह डिलीवर नहीं करना चाहती थी. यह बेहद खराब और दर्द भरा था.' उन्होंने बताया कि वह बच्चे को जन्म देते समय अकेली थीं क्योंकि उनके पति नर्स के पास मदद मांगने के लिए गए हुए थे.
जिस शख्स ने महिला की तस्वीर खींची थी उसने इसे प्रेस में दे दिया. यह तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हो गई है. वहीं, मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है.