सीरिया से चली विस्थापितों की एक बोट समुद्र में डूब गई, तो लहरों ने एलेन कुर्दी नाम के मासूम के शव को टर्की के बोडरम बीच पर फेंक दिया. अब बच्चे की तस्वीर देखकर हर किसी की आंखें नम हैं.
एलेन की तस्वीर ने सीरिया के उस दर्द को सतह पर ला दिया, जिसे या तो दुनिया देख नहीं रही या देखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही. ISIS के आतंक से जूझते सीरिया का घाव इतना गहरा है कि सिर्फ इसी साल 2500 लोग समुद्र के रास्ते सीरिया से यूरोप जाने की कोशिश के दौरान डूब चुके हैं.
जिस हादसे में तीन साल के ऐलन की मौत हुई, तो उसमें उसका पांच साल का भाई गैलिप की भी जान गई और मां की भी. कुल 12 लोग इस हादसे में मारे गए. लेकिन ऐलन की इस तस्वीर ने विस्थापितों के उस दर्द को सामने ला दिया, जिसे हजारों की संख्या में देश से बाहर जाने की कोशिश में कभी रेलवे स्टेशन पर, तो कभी ट्रकों पर लदे विस्थापित सामने नहीं ला पाए थे.
सीरिया में विस्थापितों की संख्या 30 लाख के करीब पहुंच गई है, जो विश्व में हुआ अब तक का सबसे बड़ा विस्थापन है. हर महीने एक लाख विस्थापित बढ़ रहे हैं.
एलेन की मौत ने ISIS के मुंह पर तमाचा भी जड़ा और एक ऐसे दास्तां से रू-ब-रू करा दिया कि कई मुल्क के लोग गमगीन हैं.
त्रासदी देखिए कि जिस सीरिया को छोड़कर एलेन का परिवार यूरोप जाना चाहता था, अब मरने के बाद उसी मुल्क में दफन होगा. एलेन के पिता का कहना है कि जब बच्चे रहे ही नहीं, तो सीरिया में कैसा डर? लेकिन मुल्क तो अपना है और मुल्क की मिट्टी में ही बच्चों को दफन होना चाहिए.