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'चेहरे पर गोली मारी, कब्र में दफनाया', फिर कैसे जिंदा निकल आया शख्स?

एक घर में घुसकर तीन भाइयों को बमबारी के आरोपों में पकड़ा गया. इसके बाद तीनों भाइयों को मारकर कब्र में दफना दिया था. अब उनमें से एक जिंदा वापस आ गया है. आइए जानते हैं कैसे?

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यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ने पहुंचा एक सैनिक (File/Reuters)
यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ने पहुंचा एक सैनिक (File/Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कब्र से जिंदा वापस लौटा आदमी
  • शख्स बोला- हर किसी को सुननी चाहिए मेरी कहानी

दुनिया में चमत्कार काफी कम होते हैं. लेकिन अजूबे से भरी इस दुनिया में कई वाकये होते हैं, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि अरे! ये कैसे हो सकता है? आज हम आपको ऐसी ही कहानी सुना रहे हैं.

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एक यूक्रेनी व्यक्ति के चेहरे पर कथित तौर पर गोली मार दी गई थी. उसे अपने दो मृत भाइयों के साथ रूसी सेना ने कब्र में दफना दिया था. लेकिन अब वह चमत्कारिक रूप से अपनी कहानी के बारे में बताने के लिए सामने आ गया है. 

सीएनएन से बातचीत में, मायकोला कोलिचेन्को ने दावा किया है कि उन्हें और उनके भाइयों को 18 मार्च 2022 को रूस की सेना ने घर से बाहर निकाला और लगभग 3 दिन तक उनसे पूछताछ की. रूसी सेना के काफिले पर बमबारी के आरोप में उनसे पूछताछ की थी. 

इस पूछताछ के दौरान तीनों भाइयों को शारीरिक रूप से भी काफी प्रताड़ित किया गया. लेकिन पूछताछ के चौथे दिन, कुलिचेंको को एक सैन्य वाहन के पीछे बांधा गया, उनकी आंखों पर पट्टी बांधी गई.

इसके बाद उन्हें जंगल की ओर ले जाया गया. मायकोला ने बताया कि उनके बड़े भाई दिमित्रो और छोटे भाई येवेन को उनसे महज कुछ मीटर की दूरी पर ही मार दिए जाने से पहले, एक कब्र खोदी गई. कुछ समय पश्चात मायकोला के चेहरे पर भी गोली मार दी गई. हालांकि, गोली से उनके चेहरे को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन उन्होंने मरने की एक्टिंग की.

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तीनों लोगों को मार देने के बाद रूसी सैनिकों ने उन्हें कब्र में दफना दिया, वहां से मायकोला ही अकेले बाहर जिंदा निकल पाए. इसके पीछे एक वजह ये भी थी कि रूसी सैनिकों ने जो कब्र बनाई थी वह अधिक गहरी नहीं थी.

मायकोला ने कहा, 'मैं भाग्यशाली था... और अब मुझे बस जीते रहना है.' मायकोला ने बताया कि लकड़ी के छोटे से घर पर वे लोग रहते थे जहां रूस की सेना ने धावा बोल दिया था.

वहीं, उन्होंने कहा कि रूसी सैनिकों के ऊपर बमबारी में उनके परिवार के किसी व्यक्ति का हाथ नहीं था, लेकिन उन्हें प्रताड़ित किए जाने के लिए उनके दादा से संबंधित एक सैन्य पदक का मिलना ही रूसी सेना के लिए अहम हो गया.

 

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