खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे अमेरिका ने नाकाम कर दिया. कहा जा रहा है कि इस मामले को अमेरिका ने भारत सरकार के समक्ष भी उठाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने पन्नू की हत्या की साजिश का मामला भारत सरकार के समक्ष उठाया. लेकिन अभी तक भारत सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस मामले से वाकिफ लोगों का कहना है कि इस साजिश में निशाने पर 'सिख फॉर जस्टिस' का चीफ और अमेरिकी एवं कनाडाई नागरिक पन्नू था. भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.
रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले से परिचित लोगों ने यह नहीं बताया कि क्या भारत के समक्ष इस मामले को उठाने की वजह से साजिशकर्ताओं ने अपनी योजना बदल दी या फिर एफबीआई के हस्तक्षेप से इस साजिश को नाकाम कर दिया गया.
पीएम मोदी के यूएस दौरे के बाद भारत के सामने उठाया था मुद्दा
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका ने कनाडाई सिख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अपने कुछ सहयोगी देशों को पन्नू की हत्या की साजिश के बारे में बताया था. बता दें कि इस साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूुडो ने निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था.
इस मामले से जुड़े एक शख्स ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जून में हुए अमेरिकी दौरे के बाद अमेरिका ने इस मामले को भारत के समक्ष उठाया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को दी गई राजनयिक चेतावनी के अलावा अमेरिकी फेडरल प्रॉसिक्यूटर्स ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में एक शख्स के खिलाफ गोपनीय तरीके से मुकदमा दायर किया था.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब अमेरिकी न्याय विभाग इस पर चर्चा कर रहा है कि क्या इस गोपनीय मुकदमे में लगए गए आरोपों को सार्वजनिक किया जाए या फिर निज्जर हत्या मामले की जांच पूरी होने तक इंतजार किया जाए.
कहा जा रहा है कि इस मामले में जिस शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उसने अमेरिका छोड़ दिया है. मामले पर अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने भी कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल का कहना है कि अमेरिका मौजूदा कानूनी मामले या फिर निजी राजनयिक चर्चा पर टिप्पणी नहीं करता लेकिन अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है.
पन्नू ने साधी चुप्पी
इस मामले पर पन्नू ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या इस साजिश को लेकर अमेरिकी प्रशासन ने उन्हें चेतावनी दी थी या नहीं? इस पर पन्नू ने कहा कि वह चाहता है कि अमेरिकी सरजमीं पर मेरी जान के खतरे के मामले पर अमेरिकी सरकार प्रतिक्रिया दे.
पन्नू ने कहा कि अमेरिकी नागरिक और अमेरिकी जमीं पर खतरा अमेरिका की संप्रभुता के लिए चुनौती है. मेरा विश्वास है कि बाइडेन सरकार इस तरह की किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है.