विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट देखने के लिए रात से ही कतार में लगे 20 साल के एक सिख व्यक्ति को हटा दिया गया. बताया जा रहा है कि वह आसपास खड़े दूसरे लोगों को असहज कर रहा था.
अपमानित शख्स ने सोशल मीडिया पर बयां किया दर्द
इस अनजान टेनिस प्रेमी ने पिछले सप्ताह फेसबुक पर अपने इस अपमान के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. उस शख्स ने दावा किया कि यह नस्लवाद का मामला है. ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से बाहर होने के समर्थन में जनमत संग्रह के बीच देश में इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
सेंट्रल कोर्ट के कतार से जबरन हटाया
अपमानित महसूस करते हुए उस शख्स ने शुक्रवार को लिखा कि उसे विंबलडन के सेंट्रल कोर्ट में रात से कतार में लगे होने के बावजूद हटा दिया गया. उन लोगों का कहना था, ‘आप अपने आसपास के लोगों को असहज कर रहे हैं, इसलिए हमें आपको बताना है. आपसे कहना है कि आप तुरंत हट जाएं, सर.’
दोबारा कतार में लगकर खरीदा टिकट
खुद पेशेवर टेनिस खेलने का सपना देखने वाले इस खिलाड़ी को आखिरकार कुछ घंटे बाद फिर से कतार में लगने पर स्टेडियम में घुसने का मौका मिला. फिर उसने इस बारे में आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई.
विंबलडन के प्रवक्ता ने दी सफाई
विंबलडन के एक प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि हम पुष्टि कर सकते हैं कि एक शख्स से शुक्रवार की सुबह चार बजकर 42 मिनट पर कतार से हटने के लिए कहा गया. कतार में मौजूद कई लोगों ने उसके व्यवहार के बारे में शिकायत की थी.’