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यमन: हौथी समर्थक सैनिकों ने किया विद्रोह, भारतीयों को लाने के लिए विमान भेजा गया

यमन के तैज शहर में शिया हौथी विद्रोहियों से मिले यमन के सुरक्षा बलों ने विद्रोह कर दिया है. माना जाता है कि हौथी विद्रोही और विद्रोह करने वाले सुरक्षा बलों के जवान देश के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुला सालेह के समर्थक हैं.

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यमन के तैज शहर में शिया हौथी विद्रोहियों से मिले यमन के सुरक्षा बलों ने विद्रोह कर दिया है. माना जाता है कि हौथी विद्रोही और विद्रोह करने वाले सुरक्षा बलों के जवान देश के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुला सालेह के समर्थक हैं. वहीं, यमन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत से विमान भेजा गया है.

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'अल अरबिया' की रिपोर्ट के अनुसार, तैज में मिलिशिया पुलिस के सदस्यों ने अदन जाने से इंकार कर दिया, जहां राष्ट्रपति अब्द-रब्बुह मंसूर हादी मौजूद हैं. यमन की राजधानी साना में साल की शुरुआत में हौथी विद्रोहियों के कब्जे के बाद से हादी अदन में डेरा डाले हुए हैं. फरवरी महीने में हौथी विद्रोहियों द्वारा सत्ता पर आधिपत्य स्थापित करने के बाद राष्ट्रपति को अदन में शरण लेनी पड़ी, जिसके बाद यमन राजनीतिक संकट से जूझ रहा है.

राजधानी साना में 12 से ज्यादा देशों ने हौथी के सत्ता पर कब्जा करने के विरोध में और सुरक्षा कारणों से अपने दूतावास बंद कर दिए हैं. सऊदी अरब के नेतृत्व में 10 राष्ट्रों के सैन्य गठबंधन ने हौथी गुट के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत रविवार को चौथी बार अपने लड़ाकू विमानों की मदद से साना पर हमला किया. वहीं, यमन के हालात को देखते हुए भारत से भारतीय नागरिकों को लाने के लिए विमान भेजा गया है. वहां, अराजक हालात पैदा होने के मद्देनजर भारत सरकार के अपने नागरिकों को वहां से लाने के फैसले के ठीक बाद यह कवायद शुरू हुई. दिल्ली से 180 सीटों वाले एअरबस ए320 विमान ने सुबह सात बजकर 45 मिनट पर उड़ान भरी जो मस्कट होते हुए यमन की राजधानी सना पहुंचेगा. विमान के आज शाम यमन से वापसी करने की संभावना है.

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दिन में तीन घंटे के लिए सना से विमानों के संचालन की स्वीकृति मिलने के बाद भारत ने विमान संचालन शुरू किया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल कहा कि भारत को अधिकारियों से प्रतिदिन तीन घंटे के लिए सना से विमान संचालन की अनुमति मिली है. सुषमा ने ट्वीट किया कि भारत 1,500 यात्रियों की क्षमता वाले एक जहाज को भेजने की प्रक्रिया में है.

 

शनिवार को कम से कम 80 भारतीय सना से जिबूती के लिए रवाना हुए जहां भारतीय मिशन उनकी घर वापसी में मदद करेगा. सना सहित यमन के विभिन्न प्रांतों में करीब 3,500 भारतीय हैं, जिनमें अधिकतर नर्स हैं. यमन में शिया मिलिशिया और पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह की वफादार सैन्य इकाइयों ने देश के ज्यादातर हिस्से पर कब्जा कर लिया है और इसके कारण वहां के राष्ट्रपति आबिद रब्बो मंसूर हादी को सउदी अरब भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. शिया मिलिशिया को हुदी के नाम से भी जाना जाता है.

सऊदी के नेतृत्व वाले करीब 10 देशों के गठबंधन ने यमन पर बमबारी शुरू करते हुए कहा कि वह हुदी और उसके सहयोगियों पर निशाना बना रहा है.

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