मध्य ढाका के शाबाग इलाके में 43 वर्षीय फैजल अराफीन दिपान की एक बिल्डिंग में तीसरी मंजिल पर स्थित उनके दफ्तर में ही उनकी हत्या कर दी गई. इस बिल्डिंग के पास ही कई महीनों तक जमात-ए-इस्लामी नेताओं और 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के साथ सांठगांठ करने वाले अन्य कट्टरपंथियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए थे.
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि दीपान की कंधे पर लगे घावों के कारण मौत हो गई. इससे पहले राय की भी इसी साल फरवरी में एक पुस्तक मेले में हत्या कर दी गई थी. बांग्लादेश में इस साल अब तक पांच ब्लॉगरों की हत्या की जा चुकी है.