एक शख्स ने 40 साल पुरानी बात को लेकर अपने माता-पिता पर हमला कर दिया. शख्स अपने अमीर पैरेंट्स से इस बात को लेकर गुस्से में था कि उन्होंने शख्स को शुरुआती पढ़ाई के लिए बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया था. 51 साल के एड लिनसे ने अप्रैल 2022 में 85 साल के पिता निकोलस क्लेटन और 82 साल की मां जूलिया पर हमला कर दिया था. कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान कई खुलासे हुए हैं.
मामला ब्रिटेन का है. चेशायर में मौजूद कपल के 12 करोड़ के फार्महाउस में लिनसे घुस गया था. तब रात का वक्त था. लिनसे ने माता-पिता से कहा कि उनलोगों ने उसे निराश किया है. दो बच्चों के पिता लिनसे ने कहा कि उसे लगता है कि 1980 के दशक में ऑल ब्यॉज पब्लिक स्कूल में उसके साथ जो भी बुरा हुआ है उसकी भरपाई होनी चाहिए.
लिनसे के हमले में क्लेटन को सिर पर गहरी चोटें आई थीं. उनके दिमाग में ब्लीडिंग भी होने लगी थी. वहीं, जूलिया के पीठ में चोट लगी थी और उनके सिर का पिछला हिस्सा चोटिल हो गया था. मामले को लेकर प्रॉसेक्यूटर निकोलस विलियम्स ने कहा- क्लेटन बेड पर पड़े थे. उनके सिर और फेस पर बार-बार हमला किया गया था. अगले दिन उनकी टूटी दांत फ्लोर पर गिरी मिली थी. क्लेटन के बेडरूम की कारपेट पर भी बहुत खून गिरे हुए थे.
चेस्टर क्राउन कोर्ट में बताया गया कि लिनसे पैरेंट्स को पैसों के लिए मैनिपुलेट कर रहा था. वह बार-बार पैरेंट्स से पैसों की मांग कर रहा था. लिनसे ने माता-पिता पर हमले के आरोपों को स्वीकार कर लिया है.
कोर्ट की सुनवाई के दौरान पता चला है कि माता-पिता से लिनसे के रिश्ते कभी भी ठीक नहीं रहे हैं. निकोलस ने कहा- लिनसे की मां कहती हैं कि अब वह 51 साल का हो गया है. लेकिन बचपन में बोर्डिंग स्कूल भेजने के फैसले पर वह अभी भी सवाल उठाता रहता है. उन्होंने बताया कि रिश्तों में खटास के बावजूद वे लोग सालों से लिनसे को फाइनेंशियली सपोर्ट करते आ रहे थे.
निकोलस ने कहा- लिनसे नए घर के लिए पैरेंट्स से पैसे मांग रहा था. लगातार प्रेशर के बाद पैरेंट्स, लिनसे को पैसे देने को तैयार भी हो गए. उसे करीब 2 करोड़ रुपए दिए भी गए. लेकिन वह और पैसे मांगने लगा, जिसपर पैरेंट्स ने कहा है कि उनके पास और पैसे नहीं बचे हैं.
जांच में पता चला है कि लिनसे को बाइपोलर अफेक्टिव डिसऑर्डर है. मनोचिकित्सकों का कहना है कि वह ‘manic psychosis’ से ग्रसित हैं. मामले पर फैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि लिनसे को डॉक्टरों की निगरानी में तब तक रखा जाएगा जब तक उन्हें छोड़ना सेफ नहीं है.