काले धन पर बनी एसआईटी ने अपनी पहली रिपोर्ट में इनकम टैक्स रिटर्न के फॉर्म में बड़े बदलाव लाने की बात कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आयकरदाताओं को विदेशी बैंकों में खातों और विदेश दौरे का पूरा ब्योरा इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त देना होगा. यह खबर अंग्रेजी अखबार 'हिंदुस्तान टाइम्स' ने दी है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट यह भी कहा गया है कि फेमा में बदलाव जरूरी हैं. इसे सिविल लॉ की श्रेणी से हटाकर क्रिमनल लॉ का हिस्सा बनाया जाना चाहिए.' इसके अलावा एसआईटी चाहती है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट को और मजबूत किया जाए. ताकि हवाला ट्रेडिंग में दोषी पाए गए भारतीय नागरिकों की विदेशी प्रॉपर्टी को सील करने का अधिकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास हो.
सूत्रों के हवाले से अखबार ने यह भी लिखा कि एसआईटी आयात और निर्यात के चालान प्रक्रिया की भी जांच करेगी. क्योंकि उसका मानना है कि सबसे ज्यादा हवाला ट्रेडिंग के जरिए ही हो रहा है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए एनडीए सरकार ने काले धन मुद्दे की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने 20 अगस्त को अपनी पहली रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जिस पर कोर्ट ने संतोष जताते हुए टिप्पणी की थी कि विदेश से ब्लैक मनी लाने का मसला आगे बढ़ा है.